उदयपुर में जमीन कनवर्जन के बदले में 12 लाख रुपये की रिश्वत लेने के मामले में एसीबी ने गत बुधवार को जयपुर एसीबी मुख्यालय थाने में नामजद यूडीएच प्रमुख सचिव कुंजीलाल मीणा, संयुक्त सचिव मनीष गोयल और यूडीएच के अनुभाग अधिकारी हरिमोहन और दलाल लोकेश जैन पर मामला दर्ज करवाया। दलाल लोकेश जैन अभी एसीबी की हिरासत में है। एसीबी ने उसके कब्जे से सामान भी बरामद किया है।
मामले में एसीबी अन्य अधिकारी व कर्मचारियों की भूमिका की जांच कर रही है। बताया जा रहा है कि दलाल के मोबाइल में वाट्सएप कॉल में दोनों अधिकारियों का नंबर मिला है। दलाल लोकेश के मोबाइल से उसके और परिवादी देवीलाल चौधरी के बीच सौदेबाजी के लिए वाट्सएप की चैटिंग भी मिली थी। इसके साथ ही एनओसी की डील का एक ऑडियो भी सामने आया था। इसमें दलाल कई बार कुंजीलाल मीणा, हरिमोहन, मनीष गोयल और एक बार मंत्री का नाम ले रहा। शहरी विकास और आवास विभाग में घूस का लेने का मामला सामने आने के बाद से ही अधिकारी खुद को बचाने में लगे हुए हैं।
परिवादी की भू-रूपांतरण की फाइल ठंडे बस्ते में पड़ी थी और परिवादी यूडीएच के आला अधिकारियों के यहां चक्कर लगा-लगाकर थक चुका था, लेकिन उसकी फाइल पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस बीच परिवादी देवीलाल चौधरी की दलाल लोकेश जैन से मुलाकात हुई। दलाल ने परिवादी का काम 25 लाख रुपए में करवाने का आश्वासन दिया, लेकिन राशि ज्यादा होने पर परिवादी तैयार नहीं हुआ।
इसी दौरान परिवादी ने एसीबी में शिकायत की और इसके बाद दलाल ने गत 2 मई को 12 लाख में परिवादी को एनओसी दिलाने का वादा किया। मिली जानकारी के अनुसार दलाल से जैसे ही रिश्वत के 12 लाख रुपए का सौदा तय हुआ। तभी उसकी फाइल जयपुर में आला अधिकारियों के यहां पर दौड़ने लगी और गत 5 मई को यूडीएच के अधिकारियों ने एनओसी जारी करने की स्वीकृति भी दे दी। इससे आला अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध लग रही है।