राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले जोधपुर में रविवार को देवासी समाज ने शक्ति प्रदर्शन किया। देवासी समाज का प्रदेश स्तरीय महाकुंभ रविवार को रावण का चबूतरा मैदान में आयोजित किया गया। आगामी विधानसभा सभा चुनाव को देखते हुए सम्मेलन में राजनैतिक प्रतिनिधित्व की मांग उठाई गई। साथ ही समाज के विभिन्न मुद्दों पर भी चर्चा की गई, इस सम्मेलन में प्रदेश के साथ ही राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारी भी शामिल हुए।
परंपरागत वेशभूषा में नजर आए लोग
बता दें इस महाकुंभ में देवासी समाज महाकुंभ में लोग परंपरागत वेशभूषा सफेद धोती-कुर्ता, कुर्ता-पायजामा और लाल पगड़ी पहन कर आए। महिलाएं भी परंपरागत लाल पोशाक धारण कर पहुंची। वहीं समाज के कई जाने माने संतों, महंतों के साथ पूर्व नेताओं ने मंच से हुंकार भरी और समाज का प्रतिनिधित्व राजनीति के साथ अन्य सेवाओं में बढ़ाने की बात की। सरकार को आह्वान किया गया। समाज के लोगों को आगे लाया जाएं। बता दें मंच से समाज को राजनीतिक प्रतिनिधित्व देने, शैक्षणिक उत्थान करने, पशुपालकों की समस्याओं पर ध्यान देने, एमबीसी वर्ग आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने, घुमंतू निष्क्रमणीय पशुपालक आवासीय विद्यालय खोलने सहित समाज के कई मुद्दों पर बात की।
समाज के कई जाने माने संत हुए शामिल
देवासी समाज के महाकुंभ में जेतेश्वर धाम सिणधरी महंत पारसाराम, संत तीर्थगिरी, बालसंत कृपाराम, राजयोगी संध्यानाथ, महंत योगी लक्ष्मणनाथ के सानिध्य में महाकुंभ में केंद्रीय उन कल्याण बोर्ड अध्यक्ष गोरधन राईका, पूर्व मंत्री रतन देवासी, पूर्व मंत्री ओटाराम देवासी, भाजपा के वरिष्ठ नेता जगदीश खाराबेरा, वरिष्ठ कांग्रेस नेता सतपाल देवासी, सांवलाराम देवासी भीनमाल, भूपेंद्र देवासी जालौर, भंवरलाल देवासी सिवाना, वरिष्ठ नेता खानुराम रुडकली व सत्ताराम थापन सहित गुजरात से राज्यसभा सांसद बाबूभाई देसाई, पूर्व सांसद सागर राईका व कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, आंध्र प्रदेश राज्यों से बड़ी संख्या में प्रवासी लोग शामिल हुए।
समाज ने सरकार के सामने रखी ये 5 मांगें
घुमंतू परिवार के बच्चों के लिए प्रदेशभर में आवासीय विद्यालय खोले जाएं, आरक्षण को लेकर विसंगतियों को दूर करने के साथ ही देवासी समाज को रिजर्वेशन का उचित लाभ दिया जाए, देशभर में देवासी समाज की राजनीतिक भागीदारी बहुत कम है। समाज के लोगों की संख्या के अनुसार राजनीति में भागीदार बनाया जाए। जिला और ब्लॉक स्तर पर देवासी समाज की शिक्षण संस्थाओं का निर्माण किया जाए। देवासी समाज पशुपालक बिरादरी से आते हैं, हरियाणा, गुजरात, मेवाड़, गोरवाड़ तक गाय, ऊंट, भेड़-बकरी चराते हैं, समाज के लोग जो घुमंतू हैं। उनके पास आवासीय पट्टे नहीं होते, भूमिहीन देवासी समाज के लोगों को गांव में पट्टा दिया जाए।