जिले सहित प्रदेश के नौनिहालों को डायरिया से मुक्त करने के लिए ओआरएस का घोल और जिंक टेबलेट दी जाएगी। इसके लिए चिकित्सा विभाग द्वारा की जा रही तैयारियों का जायजा लेने के लिए राज्य स्तर से मिशन निदेशक व अन्य अधिकारियों द्वारा वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से दिशा निर्देश दिए गए। वीसी में जिला स्तर से अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ कैलाश सोनी, जिला लेखा प्रबंधक मनोज लुहारिया, जिला आशा समन्वयक विमलेश शर्मा, सांख्यिकी अधिकारी अजय शंकर बैरवा, डाॅ. बी.एल. मीना डीपीसी डीडीडब्ल्यू, जिला आईईसी समन्वयक प्रियंका दीक्षित मौजूद रहे। जिले सहित प्रदेश भर में सषक्त दस्त नियंत्रण पखवाडा आयोजित किया जाएगा। पखवाडा 28 मई से लेकर 9 जून तक चलेगा। वीसी में मिशन निदेशक डाॅ. समित शर्मा व निदेशक आरसीएच डाॅ. श्रीराम मीना ने गहन दस्त नियंत्रण पखवाडा के सफल आयोजन को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने जिले के माइक्रो प्लान, जिंक ओआरएस की उपलब्धता, माॅनिटरिंग, फाॅरमेट, प्रचार प्रसार आदि की तैयारियों के बारे में विस्तार से जानकारी ली।
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डाॅ रोमिल सिंह कार्यक्रम निदेशक, बाल स्वास्थ्य, एनएचएम ने सभी जिलों के प्रभारियों से जिंक टेबलेट और ओआरएस पैकेट्स की उपलब्धता के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि चिकित्सा संस्थान व आंगनबाड़ी केन्द्र स्तर तक आवश्यकतानुसार जिंक टेबलेट और ओआरएस के पैकेट्स की आपूर्ति कम नहीं होनी चाहिए इसकी सुनिश्चितता कर ली जाये।
वीडियो कांफ्रेसिंग के दौरान डाॅ. रोमिल सिंह ने बताया कि प्रत्येक जिला अस्पताल, सीएचसी तथा पीएचसी तथा सब सेंटर स्तर पर चिन्ह्ति स्थान पर ओआरएस काॅर्नर स्थापित किया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए कि विभागों के साथ आपसी समन्वयक स्थापित कर आईडीसीएफ पखवाड़े में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भूमिका भी सुनिश्चित कर कर अभियान को सफल बनाये। उन्होंने आशा सहयोगिनियों को इस अभियान में घर-घर तक अपनी सेवाएं सेवाऐं देने व अधिकारियों को इसकी सही माॅनिटरिंग करने व रिपोर्टिंग समय पर भिजवाने के निर्देश दिये।
गहन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा का प्रचार-प्रसार गांव-ढाणी तक करने को कहा ताकि लोगों को इसके बारे में जानकारी मिल सके। इसके अतिरिक्त एमसीएचएन डे और ग्रामीण स्वास्थ्य एवं स्वच्छता समिति की बैठकों में भी इस पखवाड़े का पूरा प्रचार-प्रसार किया जाए। सरकारी स्कूलों में भी हाथ धुलाई का प्रशिक्षण एएनएम के माध्यम से दिया जाए। इसके लिए स्कूलों में गहन दस्त नियंत्राण और हाथ धुलाई के पोस्टर भी लगाए जाएंगे, ताकि बच्चों को स्वस्थ और स्वच्छ रखा जा सके।
साल 2014 से हर साल गहन दस्त नियंत्रण पखवाडा का आयोजन किया जा रहा है। दस्त व निर्जलीकरण से होने वाली मृत्यु को ओआरएस व जिंक की गोली के साथ ही पर्याप्त पोषण देकर रोका जा सकता है। साथ ही दस्त की रोकथाम के लिए साफ पानी पीना, समय समय पर हाथों को साफ पानी व साबुन से हाथ धोना, साफ सफाई रखना, स्तनपान, टीकाकरण व पोषण का भी अहम योगदान होता है। इन आदतों को भी दैनिक जीवन में शामिल किया जाना चाहिए। इस अभियान के माध्यम से 2 माहसे 5 साल तक के दस्त से पीडित बच्चों तक ओआरएस के पैकेट व जिंक की गोलियां पहुंचाना सुनिश्चित किया जाएगा। साथ ही जनसमुदाय को स्वच्छता, पौष्टिक आहार, हाथ धोने के सही तरीके बताए जाऐंगे।