सवाई माधोपुर: उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के बिल्सी शहर से पूर्वजों की मिट्टी को नमन करने एक कुनबा चौथ का बरवाड़ा कस्बे में आया। परिवार के छः पीढ़ियों पहले के पूर्वज चौथ का बरवाड़ा में ही निवास करते थे, किंतु वर्ष 1899 में पड़े भयावह अकाल जिसे छप्पनिया अकाल के नाम से जाना जाता है, के समय उनका परिवार यहाँ से पलायन कर उत्तर प्रदेश के बिल्सी नामक शहर में बस गए थे।
लेकिन पीढ़ी दर पीढ़ी वो अपनी संतानों को बताते रहे की अपने पुरखों का गाँव राजपुताने के बरवाड़ा में है। अपने पूर्वजों का जन्मस्थान खोजते हुए ये परिवार 2 फरवरी को चौथ का बरवाड़ा पहुंचा। परिवार के मुखिया विनोद भारद्वाज ने बताया कि अपने पुत्र तापस भारद्वाज के साथ पुत्र वधु एवं पौत्र – पौत्री के साथ पूर्वजों का गांव खोजते बरवाड़ा आए हैं। जहां उन्होंने चौथ माता मंदिर, मीन भगवान मंदिर, देव नारायण भगवान मंदिर सहित पास ही शिवाड के घुश्मेश्वर महादेव के दर्शन किए।
सभी लोगों ने गांव की मिट्टी को माथे से लगाया। इस परिवार का ग्राम वासियों ने स्वागत किया। लोगों ने गांव की गलियों का परिवार सहित घूमकर पूर्वजों की धरती को प्रणाम किया। म्हारो बरवाड़ो फाउंडेशन के समन्वयक अनेंद्र सिंह आमेरा ने परिवार को गांव खोजने में काफी मदद की। इस दौरान परिवार के सदस्यों सहित सुरेश खटाणा, सी एल सैनी, शंकर लाल गुर्जर, भेरूलाल मीणा सहित अन्य मौजूद रहे।