आमजन में रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास, आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लक्ष्य से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्ष 2021 के राज्य बजट में ‘‘घर-घर औषधि योजना’’ की घोषणा की थी। इसकी पालना में जिले के प्रत्येक परिवार को आगामी पांच साल में 24 औषधीय पौधे निःशुल्क उपलब्ध करवाएं जाएंगे।
घर-घर औषधि योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक आज सोमवार को अतिरिक्त जिला कलक्टर डॉ. सूरज सिंह नेगी की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित हुई। बैठक में डीएफओ जयराम पांडे जानकारी देते हुए बताया की इस योजना के तहत तुलसी, कालमेध, अश्वगंधा एवं गिलोय औषधि पौधों का घर-घर वितरण किया गया।
बैठक में डीएफओ जयराम पांडे ने बताया कि जिल में एक लाख 27 हजार 363 परिवारों में से प्रत्येक परिवार को आठ पौधे के हिसाब से जिले में 10 लाख 18 हजार 904 पौधे वितरण किए गए। बैठक में डीएफओ ने घर-घर औषधि योजना अंतर्गत पौध वितरण के प्रबोधन एवं मूल्यांकन के संबंध में तीन स्तर पर (पंचायत स्तर, ब्लॉक स्तर, जिला स्तर) मूल्यांकन रिपोर्ट की प्रगति, औषधीय पौधों के उपयोग की जानकारी जन-जन तक पहुचानें हेतु सघन प्रचार-प्रसार करने एवं वर्कशाप आयोजित कराये जाने एवं आगामी वर्ष में प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्र में मेडिशनल प्लान्ट कॉर्नर की स्थापना की जायगी। जिसमे तुलसी, कालमेध, अश्वगंधा एवं गिलोय के पौध रोपण किया जाएगा। बैठक में जिला परिषद के सीईओ अभिषेक खन्ना, सीपीओ बाबूलाल बैरवा, सीएमएचओ डॉ. तेजराम मीना, सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।