प्रशासन गांवों के संग अभियान-2021 के चलते फिरोज खान को 45 साल बाद खुद की पहचान मिल गई है। अभी तक जमीन के कागजों में उसका नाम गलत दर्ज था। कागजों में जलील खान नाम दर्ज होने के कारण उसे कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। आज सोमवार को सवाईमाधोपुर पंचायत समिति की सेलू ग्राम पंचायत मुख्यालय पर आयोजित शिविर में ग्राम भैसखेड़ा निवासी फिरोज खान पुत्र गुलाब का नाम सरकारी रिकॉर्ड में दुरूस्त कर दिया गया। प्रार्थी फिरोज खान के पिता गुलाब की मृत्यु होने पर विरासत के नामान्तकरण संख्या 53 में फिरोज खान की जगह जलील खान दर्ज हो गया।
प्रार्थी के बड़े भाई फरियाद एवं खलील का नाम सही दर्ज हुआ था। नामान्तरण खोलते समय फिरोज की उम्र करीब 2 वर्ष थी तथा उसके भाई फरियाद व खलील भी छोटे ही थे। पटवारी हल्का ने सही जानकारी न लेकर प्रार्थी का गलत नाम जलील दर्ज कर दिया तथा ग्राम पंचायत के संरपच ने भी इस नाम की त्रुटि पर गौर नहीं किया एवं इस नामान्तरण को स्वीकार कर तस्दीक कर दिया जबकि प्रार्थी का नाम जन्म के बाद शुरू से ही फिरोज खान रहा है, जलील कभी नहीं रहा तथा प्रार्थी के दस्तावेजों आधार कार्ड, राशन कार्ड, पासपोर्ट, निर्वाचन आयोग पहचान पत्र और बैंक खाते आदि में अपीलांट का नाम फिरोज खान पुत्र गुलाब ही दर्ज है।
नामान्तकरण 53 आज दिन तक प्रभाव में है तथा इसके आधार पर जामाबंदी में भी अपीलांट का नाम फिरोज खान के स्थान पर जलील ही दर्ज चला आया है। प्रार्थी का नाम गलत होने के कारण उसको कई सरकारी लाभ नहीं मिल पा रहे थे। प्रार्थी अपना नाम सही करने के लिए तहसील कार्यालय के बार- बार चक्कर लगा रहा था। प्रार्थी ने अपना नाम सही करवाने के लिए न्यायालय उपखण्ड अधिकारी सवाई माधोपुर में अपील का प्रकरण दर्ज करवाया।
सोमवार को आयोजित प्रशासन गांवों के संग अभियान शिविर में प्रार्थी कैम्प में उपस्थित हुआ तथा अपनी परेशान प्रभारी उपखण्ड अधिकारी को सुनाई। उपखण्ड अधिकारी ने प्रार्थी की परेशानी सुनकर कैम्प में सुनकर प्रकरण की जांच करवाई गई। प्रकरण में प्रार्थी का नामान्तरण गलत पाया गया, जिस पर उपखण्ड अधिकारी सवाई माधोपुर कपिल शर्मा ने तुरन्त प्रभाव से नाम शुद्धि के आदेश दिये। जिला कलेक्टर राजेन्द्र किशन द्वारा फिरोज को शिविर में उपस्थित लोगों के सामने आदेश की प्रति दी गई तो प्रार्थी का चेहरा खिल गया।
प्रार्थी ने बताया कि यह शिविर उसके लिये खुशियां लेकर आया है। इसके लिये मैं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का शुक्रिया अदा करता हूं। राजस्व विभाग के अधिकारियों और कार्मिकों को भी धन्यवाद जिन्होंने शिविर में आदेश होते ही तत्काल दुरूस्ती करवा दी। आज मेरा 45 साल नाम सही हुआ है अब मुझे सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा। आज मेरा काम हुआ मैं बहुत खुश हूँ।