जल शक्ति अभियान के संबंध में जिला कोर ग्रुप के तत्वावधान में कलेक्ट्रेट सभागार में जिला स्तरीय तैयारी बैठक का आयोजन किया गया। गंगापुर सिटी विधायक रामकेश मीना की उपस्थिति और जिला कलेक्टर डॉ.एस.पी. सिंह की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में जिले में जल संरक्षण के कार्यो, संभावनाओं और भावी परियोजनाओं पर विचार विमर्श किया गया। बैठक में अभियान की जानकारी प्रदान की गई और अभियान की सफलता के लिए कार्य योजना तैयार की गई।
जिला कलेक्टर डॉ. सिंह ने कहा कि अभियान से संबंधित विभाग वाटरशेड, कृषि, सिंचाई, जलदाय, वन, नरेगा आदि मिलकर समन्वित रूप से कार्य करें और तीन दिन में विस्तृत कार्ययोजना बनाएं।
विधायक गंगापुर सिटी रामकेश मीना ने कहा कि मनरेगा के कार्यों में जल सरंक्षण को शामिल करने के प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने इस संबंध में केंद्र सरकार को पत्र लिखने का आग्रह किया। उन्होंने किसानों को मिलने वाली फार्म पौंड की सब्सिडी बढ़ाने के लिए भी पत्र लिखने का आग्रह किया गया।
बैठक में जिला परिषद के सीईओ किशोर कुमार ने योजना की जानकारी दी और सभी विभागों को उनकी भूमिका सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बैठक में वाटरशेड, सिंचाई, नगर परिषद, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी, मनरेगा, शिक्षा, वन, सार्वजनिक निर्माण सहित अन्य विभागों के अधिकारियो ने जल संरक्षण से जुड़े सुझाव सांझा किए।
बैठक में सामाजिक कार्यकर्ता सुरेश सोगनी ने बताया कि गाढ़ाडूब पर दो एनीकट और प्रस्तावित थे। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि ये एनिकट बनाए जाते हैं तो क्षेत्र का भू जलस्तर बढ़ सकता है। उन्होंने सवाई माधोपुर शहर और खंडार की पेयजल समस्या के लिए क्षेत्र को चंबल नदी से जोड़ने का सुझाव दिया।
बैठक में जिला स्तरीय अधिकारी, स्वंयसेवी संगठन, सामाजिक कार्यकर्ता, नेहरू युवा केन्द्र से सम्बधित युवा संगठन तथा एन.सी.सी., एन.एस.एस., स्काउट एवं गाईड से जुड़े विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया।
जिला कलेक्टर ने बताया कि देश में गहराते जल संकट के निवारण के लिए भारत सरकार की पहल पर विभिन्न विभागों, जन प्रतिनिधियों, स्वंयसेवी संगठनों की व्यापक एवं सक्रिय भागीदारी से जिले में जल शक्ति अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जल शक्ति अभियान के तहत जल संरक्षण एवं वर्षा जल संचयन, परम्परागत एवं अन्य जलाशयों का जीर्णोंद्वार, बोरवेल रिचार्ज स्ट्रक्चर्स का रियूज, जलग्रहण क्षेत्र विकास, सधन वृक्षारोपण के कार्य बड़े पैमाने पर किये जायेगे।
डॉ. सिंह ने बताया कि अभियान के तहत ब्लॉक एवं जिला जल संरक्षण योजना का निर्माण कर इसे जिला सिंचाई योजना के साथ समन्वित किया जायेगा। इसके साथ-साथ सिंचाई में निपुण जल उपयोग एवं जल उपलब्धता के अनुसार उपयुक्त फसल के चयन को प्रोत्साहित किया जायेगा एवं कृषि एवं उद्यानिकी उद्देश्यों के लिए शहरी अपशिष्ट जल का पुर्नउपयोग सुनिश्चित्त किया जायेगा।