जिला मुख्यालय के बजरिया और शहर के बीच बहने वाले लटिया नाले के अच्छे दिन आने वाले हैं। द्रव्यवती नदी की तर्ज पर लटिया नाले के सौंदर्यीकरण की योजना की शुरुआत हो चुकी है।
इसी कडी में राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल के निर्देश पर आज केन्द्रीय जल आयोग, जल संसाधन एवं नदी विकास एवं गंगापुर्नोद्धार विभाग भारत सरकार के इंजीनियर्स की एक टीम सवाई माधोपुर पहुंची। टीम ने यूआईटी चेयरमैन जगदीश अग्रवाल एवं सचिव ताराचन्द मीणा को साथ लेकर लटिया नाले का सर्वे किया और विभिन्न क्षेत्रो में जाकर हालातों का जायजा लिया। चीफ इंजीनियर अशोक गोयल ने बताया कि लटिया नाला शहर के बीचोबीच बहता है। इसके हालात ठीक नहीं हैं। शहर के बीच बहने वाले नाले का जीणोद्धार का प्रस्ताव पास हुआ है। रीवर फ्रन्ट डवलेपमेन्ट एवं घाट डवलपमेन्ट के तहत इसका जीर्णोद्धार का कार्य कराया जाना है, ताकि बहाव भी ठीक हो और हालात भी सुधर जाए। नाले के किनारे पर हो रहे अतिक्रमण को लेकर उनका कहना था कि अतिक्रमण हटाने को कार्य लोकल स्तर पर होगा। हम लोग इसका सर्वे कर रहे हैं, लेकिन अभी सुखा होने से ज्यादा कुछ जानकारी नहीं मिल पाई है। बताते चले कि युआईटी चेयरमेन जगदीश अग्रवाल ने दिल्ली जाकर अर्जुन राम मेघवाल से लटिया का विकास द्रव्यवती नदी की तर्ज पर कराने की मांग की थी। अग्रवाल ने बताया कि सवाई माधोपुर पर्यटन के लिए विश्व विख्यात है और आने वाले पर्यटक शहर भी देखने जाते हैं। ऐसे में लटिया नाले का सौन्दर्यीकरण हो ताकि प्रदूषण एवं गन्दगी से निजात मिले और शहर की शोभा में चार चांद लगे। पूर्व में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए थे कि लटिया के जीर्णोद्धार का प्रस्ताव बनाकर कर केन्द्र को भेजा जाए जिसको मुख्यमंत्री ने भी डीपीआर बनवाकर प्रस्ताव केन्द्र को भेजा था। अब लटिया नाले को जीर्णौद्वार का कार्य होना है।