सकल दिगम्बर जैन समाज की ओर से आर्यिका श्री 105 विशुद्धमति माताजी ससंघ के सानिध्य में मनाए जा रहे भगवान महावीर के जन्म कल्याणक महोत्सव के तहत चमत्कारजी प्रबन्ध समिति के तत्वावधान में तीर्थंकर बालक भगवान महावीर का पालना झुलाने का भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में धर्मावलम्बियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
समाज के प्रवक्ता प्रवीण कुमार जैन ने बताया कि जैन जगत की आस्था के केन्द्र आलनपुर स्थित दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र चमत्कारजी मंदिर परिसर में सजाए गए राजा सिद्धार्थ के दरबार में तीर्थंकर बालक भगवान महावीर के प्रतीक रूप को नृत्य-संगीत के साथ पालना झुलाया गया। राजा सिद्धार्थ व माता त्रिशला के प्रतीकात्मक पात्र कैलाशचन्द-मनोरमा पल्लीवाल की उपस्थिति में सनत इन्द्र-इन्द्राणी की भूमिका निभा रहे अशोक जैन श्रीमाल-निर्मला जैन ने खुशी में झूमते हुए झूला तो पड़ गयो, त्रिशला मैया के आंगन में जी…., महावीरा झूले पलना कि निक धीरे झोटा दीजो…, त्रिशला मैया के आंगन में घुटवन खेले महावीरा… स्वरों के बीच सर्वप्रथम तीर्थंकर बालक का पालना झुलाने का सौभाग्य प्राप्त किया। इसके उपरांत सौधर्म, कुबेर, ईशान, माहेन्द्र, प्रतीन्द्र, इन्द्र-इन्द्राणियों के प्रतीकात्मक पत्रों सहित मौजूद श्रद्धालुओं ने भी नाचते-गाते नृत्यपूर्वक पालना झुलाकर पुण्य अर्जित किया और न्यौछावर भेंट की गई।
इस दौरान जबलपुर (म.प्र.) की स्वर साम्राज्ञी संगीता जैन ने जब अपने मधुर कण्ठ से स्वर लहरियां बिखेरते हुए एक से बढ़कर एक जैन भजनों की प्रस्तुति दी तो जिनेन्द्र भक्त झूमने पर मजबूर हो गए। भक्तों ने जमकर जिनेन्द्र भक्ति की और तीर्थंकर बालक को खूब रिझाया।