बौंली उपखंड मुख्यालय पर प्रशासन व विभागीय अधिकारियों की अनदेखी आम जनता पर भारी पड़ रही है। सरकार के आमजन को राहत देने के बार-बार निर्देश के बाद भी लोगों को अपने छोटे से काम के लिए प्रशासनिक व विभागीय अधिकारियों के यहां चक्कर लगाना आम हो चला है। ऐसे में इस क्षेत्र का नागरिक अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा है तथा काम नहीं होने से राज को कौंसता नजर आता है।
एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसमें कब्रिस्तान की भूमि से प्रभावशाली का अतिक्रमण हटाने की मांग को लेकर संबंधित शिरानी पठानान समाज के लोग करीबन ढाई साल से संघर्ष कर रहे हैं लेकिन कब्रिस्तान की भूमि से अभी तक अतिक्रमण नहीं हट पाया। बार-बार की शिकायतों के बाद प्रशासन ने कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद 17 फरवरी को मौके पर पहुंच कब्रिस्तान की भूमि से अतिक्रमण हटाने का प्रयास शुरू किया तो थोड़ी ही देर में जेसीबी मशीन के जवाब देने से स्थिति जस की तस बनी रह गई। मौके पर गया पुलिस प्रशासन का अमला अतिक्रमण हटाए बिना संबंधित समाज के लोगों को बाद में अतिक्रमण हटाने का आश्वासन देकर लौट आया। इस बात को करीबन 5 माह निकल गए लेकिन अभी तक प्रशासन ने उक्त भूमि से पुनः अतिक्रमण हटाने का प्रयास नहीं किया जबकि संबंधित समाज के लोग स्थानीय तहसीलदार को इस बारे में कई बार अवगत करा चुके। परेशान होकर उन लोगों ने अब 9 जुलाई को संभागीय आयुक्त, जिला कलक्टर व उपखंड अधिकारी को उक्त कब्रिस्तान की भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए हस्ताक्षरित ज्ञापन भेजे हैं लेकिन इस मामले को भी 20 दिन गुजर गए अभी तक कहीं से कार्रवाई होती नजर नहीं आ रही। स्थानीय मुस्लिम समाज के शिरानी पठान समाज के मेहताब, मुन्ना, नईम खान, शकील, कल्लू आदि ने जानकारी देते हुए बताया कि खसरा नंबर 1032 कि उनके कब्रिस्तान भूमि पर कुछ लोगों ने स्थाई अस्थाई रूप से अतिक्रमण कर रखा है जिसको लेकर समाज के लोग करीबन ढ़ाई साल से हटाने की मांग कर रहे हैं लेकिन अतिक्रमण नहीं हट पा रहा। जब प्रशासन अतिक्रमण हटाने गया तो जेसीबी मशीन ने जवाब दे दिया उसके बाद से स्थिति जस की तस बनी हुई है। उनका आरोप है कि 5 माह का समय निकल जाने के कारण अतिक्रमी के हौसले बुलंद हो गए तथा जो थोड़ा बहुत अतिक्रमण 17 फरवरी को प्रशासन ने जेसीबी मशीन से हटाया था उस पर अतिक्रमी ने पुनः अतिक्रमण कर लिया है। अतिकर्मी के बढ़ते हौंसलो को देख समाज के लोगों में रोष व्याप्त है। लोगों ने भेजे ज्ञापन में स्पष्ट बताया कि समय रहते कब्रिस्तान भूमि के अतिक्रमण को नहीं हटाया गया तो शांति भंग हो सकती है। ऐसी स्थिति में समय रहते उक्त भूमि से अतिक्रमण को हटाया जाए ताकि संबंधित समाज के लोगों को राहत मिल सके। इस मामले को लेकर जब स्थानीय तहसीलदार कमल पचोरी से जानकारी लेनी चाही तो वह कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए सिर्फ यह कहते नजर आए कि यह चरागाह भूमि हैं यह किसी के नाम अलाटमेंट नहीं है हम यहां से सभी का अतिक्रमण हटाएंगे लेकिन कब हटाएंगे इसका कोई स्पष्ट जवाब उनके पास नहीं था।