नगर परिषद आम चुनाव के तहत रविवार को जिले की नगर परिषद सवाई माधोपुर व गंगापुर सिटी के लिए कराये गये मतदान की गणना की गयी। निर्वाचन विभाग की सूचना के अनुसार गंगापुर सिटी नगर परिषद के मतों की गिनती गंगापुर सिटी में तथा सवाई माधोपुर नगर परिषद के मतों की गिनती सवाई माधोपुर में की गयी। 60-60 वार्डों की दोनों नगर परिषदों की मतगणना के बाद घोषित परिणामों के अनुसार सवाई माधोपुर में 27 पार्षद कांग्रेस के तथा 22 पार्षद भाजपा के निर्वाचित घोषित किये गये जबकि 1 पार्षद सीपीआई और 11 पार्षद निर्दलीय निर्वाचित हुए। जबकि नगर परिषद गंगापुर सिटी में भाजपा के 27, कांग्रेस के 11 तथा 21 पार्षद निर्दलीय चुनाव जीते हैं।
घोषित परिणामों के अनुसार सवाई माधोपुर में तो कांग्रेस को बोर्ड बनाने के लिए 4 निर्दलीयों का सहयोग जरूरी है, जबकि भाजपा दाव पेच खेले तो 9 पार्षदों का सहयोग लेकर बोर्ड बनाने की स्थिति में आ सकती है। हालांकि भाजपा में सभापति के सभी प्रमुख दावेदार चुनाव हार गये हैं। जबकि कांग्रेस में खण्डार विधायक अशोक बैरवा के भाई सूनील और सवाई माधोपुर विधायक दानिश अबरार व जीते हुए अधिकतर कांग्रेसी पार्षदों की पसन्द सबसे वरिष्ठ पार्षद विमल महावर का नाम सभापति के लिए प्रमुखता से सामने आ रहे हैं। यहाँ निर्दलीय पार्षद भी लगभग कांग्रेस के बागी उम्मीद्वार थे। ऐसे में विधायक स्थानीय विधायक चाहे तो उनकी पार्टी का सभापति बनाने से कोई नहीं रोक सकता।
गंगापुर सिटी में भाजपा और निर्दलीयों के बीच कांग्रेस की भूमिका भी महत्वपूर्ण हो सकती है। यहाँ भाजपा के 27 पार्षद हैं, लेकिन निर्दलीय की संख्या 21 में अगर कांग्रेस का हस्तक्षेप हो जाये तो निर्दलीय भी सभापति बन सकता है। लेकिन त्रिकोणीय स्थिति में साफ सुथरे बोर्ड बनने की संभावनाएं बहुत कम नजर आती हैं। इन सारे समीकरणों में खास बात यह है कि धनबल के आधार पर अगर कोई सभापति बनना चाहेगा तो उसके लिए भी रास्ते खुले हैं। वर्तमान में सभापति के लिए पार्षद का होना जरूरी नहीं बताया। ऐसे में भाजपा कांग्रेस कोई पैराशूट उम्मीद्वार उतारने के लिए भी स्वतंत्र है।
फिर विजेता पार्षदों पर निर्भर करेगा कि वे पैराशूट उम्मीद्वार को ताज पहनाना पसन्द करेगें या अपने विजेता किसी साथी के सिर ताज देखना पसन्द करेंगे।