जिला कलेक्टर राजेन्द्र किशन ने आज सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक लेकर जिला परिषद द्वारा संचालित विभिन्न विकास और व्यक्तिगत लाभ की योजनाओं की प्रगति की समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। कलेक्टर ने प्रशासन गांवों के संग अभियान में गामीण विकास और पंचायती राज विभाग द्वारा जिले में अब तक किये कार्यों की प्रगति की भी समीक्षा की। कलेक्टर ने कहा कि मनरेगा में न्यूनतम 50 प्रतिशत महिला मेट होनी चाहिये।
बौंली, गंगापुर सिटी, खंडार और सवाईमाधोपुर में महिला मेट 50 प्रतिशत से अधिक नियोजित हैं। मलारना डूंगर एवं चौथ का बरवाड़ा में अभी महिला मेट 50 प्रतिशत से कम है। कलेक्टर ने यह लक्ष्य जल्द हासिल करने के साथ ही 60 प्रतिशत महिला मेट का लक्ष्य रखकर कार्य करने तथा महिला मेट को पर्याप्त प्रशिक्षण देने के निर्देश दिये।
कलेक्टर ने निर्देश दिये कि मनरेगा अधिशाषी अभियन्ता सभी लाइन विभागों से समन्वय कर उनके विभागों द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में किये जाने वाले विकास और व्यक्तिगत लाभ के ज्यादा से ज्यादा कार्यों को मनरेगा में डवटेल करवाने का प्रयास करें। कलेक्टर ने प्रशासन गांव के संग अभियान के शिविरों में संबंधित पंचायत में तीन साल में मनरेगा के तहत स्वीकृत एवं हुए कार्यों की मय बजट के जानकारी देने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने मनरेगा में कार्यों की संख्या बढ़ाने के भी निर्देश दिये। कलेक्टर ने बताया कि वर्तमान में जिले 227 पंचायतों में से 226 ग्राम पंचायतों में 31 हजार 450 श्रमिक नियोजित है। उन्होंने निर्देश दिये कि अधिक से अधिक श्रमिक नियोजित करें तथा अधूरे पड़े कार्यों को प्राथमिकता से पूरा करवायें। कलेक्टर ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाए गए सामुदायिक शौचालयों की उपयोगिता सुनिश्चित करने तथा इनके रखरखाव के संबंध में ग्राम विकास अधिकारी को पाबंद करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने राजीव गांधी जल संचय योजना के तहत जल संरक्षण को बढ़ावा देने वाले स्ट्रक्चर निर्माण के कार्यों की सतत मॉनिटरिंग करने के भी निर्देश दिये। कलेक्टर ने जिन ब्लॉक में प्रगति न्यून है, वहां के विकास अधिकारियों को 17 सीसीए में नोटिस देने के निर्देश दिए। बैठक में एडीएम डॉ. सूरज सिंह नेगी, सीपीओ बाबूलाल बैरवा सहित मनरेगा अधिशाषी अभियन्ता सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।