राजकीय सामान्य चिकित्सालय सवाई माधोपुर का जिला कलेक्टर डॉ. खुशाल यादव ने गत बुधवार रात्रि को औचक निरीक्षण किया।
जिला कलेक्टर ने कहा कि सामान्य चिकित्सालय में स्वच्छता हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए अगर अस्पताल स्वच्छ रहेगा तो मरीज जल्दी स्वस्थ होगा और परिजन भी अन्य बीमारियों से ग्रसित होने से बचेंगे।
उन्होंने अस्पताल के महिला एवं पुरूष शौचालयों का निरीक्षण कर शौचालयों को बदबूदार एवं गंदा पाये जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उनकी नियमित रूप से साफ-सफाई, मरम्मत, जहां टूटियां नहीं है वहां पर टूटियां लगवाने एवं जहां टाईले टूटी हुई है वहां नई टाईलें लगवाने के निर्देश दिए है। साथ ही उन्होंने शौचालयों के बाहर बनाए गए शेड एवं फ्लोरिंग की नियमित रूप से साफ – सफाई करवाने के निर्देश प्रदान किए है।
उन्होंने अस्पताल परिसर के दरवाजों, दीवारों पर जगह-जगह पान-गुटखा की पीक देखकर नाराजगी व्यक्त की और उन्होंने इस संबंध में गेट पर ही गार्ड लगाकर मरीजों एवं परिजनों की चौकिंग कर गुटखा, तम्बाकू, बीड़ी सिगरेट इत्यादि गेट पर ही रखवाने के निर्देश पीएमओं को दिए हैं ताकि अस्पताल परिसर को स्वच्छ एवं धूम्रपान मुक्त बनाया जा सकें। उन्होंने इस संबंध में अस्पताल परिसर के उपयुक्त स्थानों पर गुटखा खाने व धुम्रपान करने पर जुर्माने से दण्डित किए जाने की चौतावनी अंकित करवाने के निर्देश भी प्रदान किए है। उन्होंने अस्पताल के दरवाजे एवं दीवारें जो गुटखा और पान की पीक से बदरंग व गंदी हो गई है उन पर पुताई एवं रंग रोगन करवाने के निर्देश पीएमओं डॉ. अश्विनी सक्सैना को दिए है।
उन्होंने वार्डों में नियमित साफ-सफाई करवाने एवं मेडिकल वेस्ट कचरे का उचित निस्तारण करवाने के निर्देश भी प्रदान किए है। जिला कलेक्टर ने दवा वितरण केन्द्र का भी निरीक्षण किया और वहां उपस्थित डीडीसी से ईमरजेंसी में कितने मरीजों की रोगी पर्ची आई तथा एक्सपाईरी दवाओं की जांच व परख कैसे करते है इसकी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि अस्पताल के दवाई वितरण केन्द्रों पर संकेतक बोर्ड अवश्य लगे हो। उन्होंने इस दौरान दवा वितरण केन्द्र में दवाई रखने के लिए अतिरिक्त रैक लगवाने एवं बड़े साईज का बेड के स्थान पर छोटा बेड लगवाने के निर्देश दिए है ताकि दवा वितरण केन्द्र में अनावश्यक भीड़ न हो।
उन्होंने सामान्य चिकित्सालय सवाई माधोपुर के आपातकालीन ड्यूटी चार्ट पर इमरजेंसी के दौरान उपस्थित रहने वाले चिकित्सकों एवं नर्सिंग स्टाफ का नाम, मोबाइल नंबर अनिवार्य रूप से अंकित करने के निर्देश दिए है। वहीं उन्होंने ईमरजेंसी आपातकालीन ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर से अस्पताल को बेहतर बनाने एवं ईमरजेंसी के दौरान मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं किस प्रकार से प्रदान की जाए इस संबंध में सुझाव देने के लिए भी कहा। उन्होंने अस्पताल में आग बुझाने के लिए लगाए गए खराब पड़े फायर सिस्टम को नगर परिषद अग्निमशन के अधिकारियों की मदद से सही करवाने के निर्देश भी दिए है।
उन्होंने ऑक्सीजन एवं सक्सन पाइप जो कि अस्पताल परिसर में कलर करवाने के कारण पुत गए है उनकी सफाई करवाने के निर्देश दिए है। वहीं उन्होंने वार्ड, दवा केन्द्र, धर्मशाला, आईसीयू, महिला-पुरूष वार्ड आदि के संकेतक अस्पताल परिसर में उपयुक्त जगह पर लगवाने के निर्देश दिए ताकि मरीजों एवं उनके परिजनों को ढूंढने में अनावश्यक परेशानी न हो। जिला कलेक्टर ने कहा कि आईसीयू वार्ड के लिए पॉलिसी बनाकर वार्ड में कम से कम मरीजों के परिजन को अनुमत करें।
आईसीयू वार्ड में ऑक्सीमीटर, वेंटिलेटर सहित अन्य उपकरणों की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी पीएमओं को दिए है। साथ ही उन्होंने कहा कि मरीजों को बेड शीट एवं कंबल के साथ-साथ तकिए की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। वार्डों के निरीक्षण के दौरान जिला कलेक्टर ने मरीजों और उनके परिजनों से संवाद कर अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी ली। वहीं उन्होंने मरीज के परिजनों को रात्रि विश्राम हेतु बनाए गई धर्मशाला का मरम्मत कार्य करवाकर उसके संकेतक लगाकर धर्मशाला को परिजनो के लिए रहने योग्य बनाने के निर्देश भी पीएमओं को दिए है। उन्होंने कहा कि वह अस्पताल का 7 से 10 दिन में पुनः निरीक्षण करेंगे।