बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ को लेकर महिला अधिकारिता, सीकोईडिकोन एवं यूएनएफपीए के तत्वावधान में जिला स्तरीय विभागों की समन्वय बैठक जिला कलेक्टर डॉ.एस.पी. सिंह की अध्यक्षता, विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव श्वेता शर्मा, एडीएम महेन्द्र लोढा एवं महिला अधिकारिता की सहायक निदेशक राशि लोढा की उपस्थिति में कलेक्ट्रेट सभागार में हुई।
समन्वय बैठक एवं कार्यशाला में कलेक्टर ने जिला स्तरीय अधिकारियों से कहा कि आपसी समन्वय के साथ कार्य करते हुए बेटी बचाओए-बेटी पढ़ाओ योजना के तहत संचालित गतिविधियों में सक्रियता से भाग लें तथा योजनाओं की क्रियांविति में भागीदारी निभाएं। उन्होंने स्कूलों में गर्ल फ्रेन्डली इन्वायरमेंट निर्माण करने के लिए विशेष प्रयास करने पर जोर दिया। कार्यशाला में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव ने स्कूलों में शिकायत बॉक्स लगाए जाने, पॉक्सो एक्ट एवं बाल विवाह रोकथाम अधिनियम के बारे में जानकारी दी। बैठक में महिलाओं एवं बालिकाओं के लिए विभिन्न कानून एवं योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। यूएनएफपीए की त्रिशा पारीक ने जिला स्तरीय विभागों से अपेक्षाएं एवं उनकी भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डाला। इस मौके पर सिकोर्डडिकोन के कार्यकारी निदेशक मनीष सिंह ने जिला स्तरीय योजना पर चर्चा की। जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक मिथलेश शर्मा ने बालिका प्रोत्साहन के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया। कार्यशाला में कलेक्टर डॉ. सिंह ने कहा कि बालक एवं बालिका में भेद नहीं हो, इसके लिए जागरूकता के साथ सोच बदलने की आवश्यकता है। कार्यशाला में माहवारी स्वच्छता प्रबंधन, स्कूलों में सेनेटरी पेड (नेपकिन) डिस्पेंसर मशीन लगाने सहित अन्य विषयों पर चर्चा कर निर्देश दिए गए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए अपने स्तर पर आकलन शुरू करें तो गुणात्मक सुधार आएंगे। उन्होंने जागरूकता एवं जन सहभागिता बढाने पर जोर दिया। कार्यशाला में बालिका शिक्षा, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ बालिका ब्रांड एंबेसेडर नियुक्त किये जाने सहित अन्य विषयों पर चर्चा की गई। कार्यशाला में एडीएम महेन्द्र लोढा, एसडीएम रघुनाथ, एडी महिला अधिकारिता राशि लोढा, सीडीपीओ प्रियंका शर्मा, बलराम सोनी, सिकोईडिकोन के श्यामसुन्दर सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।