खंडार तहसील क्षेत्र के किसानों को आपदा अतिवृष्टि से खराब हुई फसलों का मुआवजा कई वर्षों बाद भी नहीं मिल पाया है। क्षेत्र के समाजसेवी ज्योतिषाचार्य पं. मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि खंडार तहसील क्षेत्र में देखने में आया है कि किसानों को अतिवृष्टि का फसल खराबा काफी प्रयत्न करने के पश्चात भी नहीं मिल पाता है। 2019 में 13 एमएम बारिश के कारण खण्डार तहसील क्षेत्र के सभी किसानों की खरीफ की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई थी। किसानों ने तहसीलदार को अवगत भी करवाया, ज्ञापन भी दिया। लेकिन आज तक फसल खराबे का मुआवजा नहीं मिला है। इसी प्रकार से मुकंदपुरा ग्राम के किसान मांगीलाल पुत्र सुखाराम ने बताया कि उसके कृषि फार्म पर 2 मई 2020 में ओलावृष्टि से 2 बीघा 12 बिस्वा में खरबूजे की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई थी। खण्डार तहसीलदार ने जांच के आदेश भी दिये।
3 मई 2020 को हल्का पटवारी पप्पू महावर ने मौका मुआयना करके फसल खराबा तैयार करके तहसीलदार को रिपोर्ट पेश कर दी। तहसीलदार ने भी जांच के दस्तावेज सरकार को भिजवा दिये। पीड़ित किसान ने फसल खराबे के लाभ के लिए सभी सरकारी दस्तावेजों की पूर्ति भी की है। लेकिन उसके पश्चात भी पीड़ित किसान को आज तक फसल खराबे का मुआवजा का भुगतान नहीं मिला है।
इन हालातों में पीड़ित किसान आर्थिक संकट को झेलता हुआ मायूसी के साथ में जीवन जीने पर मजबूर है। आज तक भी पीड़ित किसान सरकार से फसल खराबे के भुगतान को लेकर प्रयत्नशील है। किसानों का कहना है कि ऑफिसों के चक्कर लगाने के बाद भी मुआवजा नहीं मिला है।