निर्वाचन के दौरान जब्त की गई नकदी और अन्य वस्तुओं के रिलीज किये जाने के सम्बन्ध मेें भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार बिना किसी एफआईआर या शिकायत के नकदी और कीमती सामान कोषागार या मालखाने में रखने के उदाहरणों को दृष्टगित रखते हुए जनता की शिकायतों के निवारण के लिए जिला शिकायत निवारण समिति का गठन किया गया हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. खुशाल यादव ने बताया कि जिला शिकायत निवारण एवं अपील समिति में मुख्य कार्यकारी अधिकारी हरिराम मीना को अध्यक्ष, नोडल अधिकारी निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण प्रकोष्ठ उप जिला निर्वाचन अधिकारी जगदीश आर्य को संयोजक तथा जिला कोषाधिकारी सवाई माधोपुर कुलदीप मीना को सदस्य बनाया गया हैं।
जिला शिकायत समिति पुलिस या एस.एस.टी. या एफ.एस.टी. द्वारा की गई जब्ती के प्रत्येक मामले की स्वतः जांच करेगी और जहां समिति यह पाती है कि जब्ती के खिलाफ कोई एफआईआर या शिकायत दर्ज नहीं की गई है या जहां जब्ती है, तो वह किसी भी उम्मीदवार या राजनीतिक दल या किसी चुनाव अभियान आदि से जुड़ा नहीं है तो एसओपी के अनुसार, वह ऐसे व्यक्तियों को जिनसे नकदी जब्ती की गई थी, को ऐसी नकदी रिलीज करने के बारे में इस आशय का स्पीकिंग आदेश जारी करने के लिए तत्काल कदम उठाएगी।
यदि रिलीज की गई नकदी राशि रूपये 10 लाख से अधिक है तो इसे रिलीज किए जाने से पहले आयकर विभाग के नोडल अधिकारी को सूचित किया जावेगा। नकदी जारी करने से सम्बन्धित सभी जानकारी अतिरिक्त व्यय अनुवीक्षण के नोडल अधिकारी द्वारा एक रजिस्टर में क्रमवार तिथिवार रखी जावेगी, जिसमें पकड़ी गई या जब्त की गई नकदी की राशि और सम्बन्धित व्यक्तियों को जारी करने की तारीख के बारे में विवरण होगा। जब्ती के विरूद्ध अपील की प्रक्रिया का उल्लेख जब्ती रसीद में किया जाना चाहिए और नकदी की जब्ती के समय ऐसे व्यक्तियों को इसकी सूचना भी दी जानी चाहिए।
उन्होंने बताया कि किसी भी स्थिति में जब्त की गई नकदी, मूल्यवान वस्तुओं से सम्बन्धति मामले को मतदान की तारीख के बाद 7 दिनों से अधिक समय तक मालखाना या कोषागार में लम्बित नहीं रखा जावेगा, जब तक कि कोई एफआईआर, शिकायत दर्ज न की गई हो। हालांकि जिला शिकायत निवारण समिति को निर्णय लेने में देरी नहीं करनी चाहिए और मतदान की तारीख के 7वें दिन तक किसी भी मामले को अनावश्यक रूप से लम्बित नहीं रखना चाहिए। यह सम्बन्धित सहायक रिटर्निग अधिकारी (लोकसभा) की जिम्मेदारी होगी कि वह ऐसे सभी मामलों को जिला शिकायत समिति के समक्ष लाए और समिति के आदेश के अनुसार नकदी या मूल्यवान वस्तुएं जारी करें।