जिला कलेक्टर राजेन्द्र किशन ने निर्देश दिये हैं कि मनरेगा समेत ग्रामीण विकास की सभी योजनाओं में स्थानीय परिस्थिति, आवश्यकता तथा ग्रामीणों की मांगों को ध्यान में रखते हुए कार्य स्वीकृत करवायें तथा स्वीकृत कार्यों को पूर्ण गुणवत्ता के साथ निर्धारित समय सीमा में पूर्ण करवायें ताकि लागत राशि न बढ़े। आज सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला परिषद द्वारा संचालित सभी योजनाओं की समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने ये निर्देश दिये।
बैठक में कलेक्टर ने अनुभागवार सभी योजनाओं की प्रगति की विस्तार से समीक्षा की। कलेक्टर ने निर्देश दिये कि जिले की जिन 23 ग्राम पंचायतों में वर्तमान में मनरेगा का एक भी कार्य नहीं चल रहा है, वहां अगले पखवाडे से कार्य शुरू करवाये। जिले के 111 गांवों में संबल एवं 55 में प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना संचालित है। कलेक्टर ने निर्देश दिये है कि इन योजनाओं में स्वीकृत कार्यों की सतत मॉनिटरिंग कर गुणवत्ता और समय सीमा की पालना सुनिश्चित करवायें।
कलेक्टर ने निर्देश दिये कि ग्रामीण क्षेत्र में विभिन्न विभागों द्वारा किये जाने वाले विकास और व्यक्तिगत लाभ के ज्यादा से ज्यादा कार्यों को मनरेगा में डवटेल करने का प्रयास करें। कलेक्टर ने मनरेगा में कार्यों की संख्या बढ़ाने तथा पहले से स्वीकृत अधूरे कार्यों को प्राथमिकता से पूरा के भी निर्देश दिये। कलेक्टर ने महिला मेट की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिये।
उन्होंने राज्य बजट घोषणा के बिन्दुओ के संबंध में प्रगति समीक्षा की। नव सृजित ग्राम पंचायतों में भवन निर्माण संबंधी कार्य जल्द और गुणवत्ता से पूरे करवाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाए गए सामुदायिक शौचालयों की उपयोगिता सुनिश्चित करने तथा इनके रखरखाव के संबंध में ग्राम विकास अधिकारी को पाबंद करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने राजीव गांधी जल संचय योजना के तहत जल संरक्षण को बढ़ावा देने वाले स्ट्रक्चर निर्माण के कार्यों की सतत मॉनिटरिंग करने के भी निर्देश दिये। बैठक में एडीएम डॉ. सूरज सिंह नेगी एवं जिला परिषद सीईओ उत्तम सिंह चौहान सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।