विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा संयुक्त राष्ट द्वारा कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण को पेनडेमिक घोषित करने तथा इस संदर्भ में उत्पन्न स्थिति के परिप्रेक्ष्य में राजस्थान एपिडेमिक डिजीजेज एक्ट, 1957 की धारा (2) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग अधिसूचना द्वारा कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम के लिए राज्य में निजी क्षेत्र (समस्त सी एण्ड एफ, डिस्ट्री ब्यूटर्स, स्टॉकिस्ट, थोक विक्रेता एवं रिटेल विक्रेता में उपलब्ध कुछ दवा) घटक युक्त दवाओंद्ध को व्यापक लोक हित में अधिगृहित किया गया था।
अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग रोहित कुमार सिंह ने आदेश जारी कर बताया कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन 200/300/400 एमजी (Hydroxychloroquine 200/300/400 mg Tab) की दवाओं को बाजार से अधिगृहित किये जाने के कारण बाजार में इनकी उपलब्धता खत्म हो गई है, जबकि ये दवाएं अन्य बीमारियों जैसे रूमेटोइड अर्थराईटिस (Rheumatoid arthritis) में भी नियमित रूप से काम में आती है। जिसके कारण नियमित मरीजों को ये दवाएं नहीं मिल पा रही है तथा ऐसे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण से उत्पन्न स्थिति एवं अन्य मरीजों की आवश्यकता को देखते हुए बाजार से अधिगृहित की गई दवाओं में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन 300 एमजी (Hydroxychloroquine 300 mg) के सम्पूर्ण स्टॉक को संबंधित फर्म को लौटाया जाता है। इसके अतिरिक्त हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन 200/400 एमजी (Hydroxychloroquine 200/400 mg Tab) में से भी 25 प्रतिशत दवा संबंधित फर्म को लौटाई जाती है। उक्त दवाऐं चिकित्सकीय पर्ची पर परामर्श के आधार पर मरीज को उपलब्ध करवाई जाये एवं यह भी सुनिश्चित किया जाये कि उक्त दवाओं की कालाबाजारी एवं मुनाफाखोरी नहीं हो।