आगामी मानसून में जिले में बाढ़ और जलभराव की स्थिति में कौन सा विभाग क्या कार्य करेगा, विभागीय समन्वय कैसे रहेगा, बचाव और राहत कार्यों में सरकारी और गैर सरकारी एजेंसियों के बीच सहयोग की गाइडलाइन क्या है, इन बिन्दुओं पर जिला कलेक्टर राजेन्द्र किशन ने आज सोमवार को जिला आपदा प्रबंधन अथाॅरिटी एवं बाढ़ कंटीजेंसी प्लान की जूम वीसी के माध्यम से आयोजित बैठक में सम्बंधित अधिकारियों को उनके द्वारा की जाने वाली तैयारियों का जायजा लिया तथा दिशा निर्देश दिये। कलेक्टर ने बांधों का सर्वे कर लीकेज, सीपेज की स्थिति जाॅंच कर तत्काल मरम्मत करवाने तथा बारिश आने पर बांध पर चादर चली या दुर्भाग्य से रिसाव हुआ तो कौन-कौन से गांव, कस्बे के निवासियों को चेतावनी जारी करनी है या ऊंचाई वाले इलाकों में भेजना है। वहाॅं अस्थायी कैम्प में उनके खाने, पीने, आवास की व्यवस्था के लिये स्थानीय एसडीएम, बीडीओ से मिलकर प्लान तैयार कर लें। इसी प्रकार कोटा बैराज और बीसलपुर से कितना पानी रिलीज करने पर क्रमषः चम्बल और बनास के जल स्तर में कितनी बढ़ोतरी होगी और इससे इन नदियों के किनारे वाले गांवों में क्या हालात होंगे। इन सम्बंधित गांवों के पंचायतीराज जनप्रतिनिधियों और आमजन के साथ संवाद कर उन्हें इस संबंध में जागरूक करें। जिले में बनास के किनारे 41 और चम्बल के किनारे 27 गांव आबाद हैं। कलेक्टर ने पुराने अनुभवों के आधार पर कार्ययोजना तैयार करने तथा सभी तैयारियां समय पर पूरी रखने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने अधिशासी अभियन्ता को निर्देश दिये कि जल संसाधन, चम्बल घडियाल और मत्स्य विभाग के पास स्थित नावों की फिटनेस चैक करवा लें, स्थानीय गोताखोरों के नाम, मोबाइल नम्बर, निवास स्थान समेत अन्य जानकारी की लिस्ट तैयार कर लें तथा इन गोताखोरों को जरूरत पड़ने पर उपलब्ध रहने के लिये तैयार रखें। कलेक्टर ने दोनों नगरपरिषद आयुक्तों को निर्देश दिये कि छोटे-बड़े नालों की निरन्तर सफाई करवाएं, निचले इलाकों का सर्वे कर लें तथा जलभराव होते ही वहाॅं से पानी पम्प कर नालों में डालने का प्लान तैयार रखें। दोनों शहरों में मानसून के दौरान सफाई व्यवस्था अन्य दिनों के बजाय बेहतर रखने के निर्देश दिये ताकि मौसमी बीमारियां न फैलें। जर्जर निजी इमारतों का सर्वे कर नियमानुसार कार्रवाई करें ताकि कोई हादसा न हो जाये। कलेक्टर ने सीएमएचओ को निर्देश दिये कि वर्षाजनित और मौसमी बीमारियों की सम्भावना को देखते हुए एक्शन प्लान तैयार रखें और इसमें स्वास्थ्य मित्रों की सक्रिय भूमिका रखें।
जिला अस्पताल से लेकर सब सेंटर तक मौसमी बीमारियों की दवा का पर्याप्त स्टाॅक सुनिश्चित हो। मौसमी बीमारियों पर नियंत्रण न रखा गया तो कोरोना काल में बड़ी आफत हो जाएगी। कलेक्टर ने पीएचईडी और जेवीवीएनएन के अधीक्षण अभियन्ताओं को निर्देश दिए कि चाक चैबंद व्यवस्था रखें। कोई ट्रासंफार्मर सम्भावित जल भराव क्षेत्र में है तो शिफ्ट करवा दें। जलभराव क्षेत्र में विद्युत पोल या घरों में करंट की सम्भावना को भी ध्यान में रखते हुए कार्य करें। पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी ने बताया कि गत वर्षों के अनुभव के आधार पर प्लानिंग की गई है। वे स्टेट डिजास्टर रेसपोंस फोर्स के अधिकारियों से लगातार सम्पर्क में हैं। नदी, तालाब, झरनों पर पिकनिक मनाने वालों पर विशेष निगाह रखेंगे तथा वहाॅं पुलिस और होमगार्ड के जवान तैनात होंगे, प्रतिबंधित क्षेत्रों में वन विभाग समेत अन्य विभागों के सहयोग से बेरिकेडिंग, ट्रैंचिंग का कार्य भी करवाएंगे। सवाई माधोपुर एडीएम डाॅ. सूरज सिंह नेगी ने बताया कि आपदा प्रबंधन, बचाव और राहत कार्यों के लिये आर्मी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, होमगार्ड, सिविल डिफेंस, एनसीसी, एनएसएस के वाॅलंटियर्स के बीच श्रेष्ठ समन्वय का कार्य करेंगे। उन्होंने बताया कि 07462-220201 दूरभाष नंबर पर जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष चैबीसों घंटे संचालित है।