वतन फाउंडेशन हमारा पैगाम भाईचारे के नाम के द्वारा प्रथम महिला शिक्षिका फातिमा शेख की पुण्यतिथि पर 9 अक्टूबर सोमवार को एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। फाउंडेशन के प्रवक्ता मोइन खान ने जानकारी देते हुए बताया कि सोमवार को देश की प्रथम महिला शिक्षिका फातिमा की पुण्यतिथि पर फाउंडेशन के कार्यालय एवं लाइब्रेरी में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। संस्था के सदस्यों द्वारा देश की प्रथम महिला शिक्षिका फातिमा शेख और सावित्रीबाई फुले के चित्रों के समक्ष पुष्पांजलि अर्पित की गई।
फाउंडेशन के हुसैन आर्मी ने बताया कि फाउंडेशन की ओर से फातिमा शेख की पुण्यतिथि पर एक अनूठी पहल की गई है जिसमें छात्राओं को एक रुपया प्रति घंटे के हिसाब से लाइब्रेरी में अध्ययन की सुविधा प्रदान की जाएगी। इस अवसर पर प्रोफेसर रामलाल ने कहा कि फातिमा शेख वह महिला थी, जिन्होंने ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले के साथ कदम से कदम मिलाकर माॅडर्न इंडिया में स्त्री शिक्षा के आंदोलन को धार दिया था।
हालांकि यह बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण रहा है कि स्त्री शिक्षा आंदोलन में फातिमा शेख के किरदार और योगदान को भुला दिया गया। सुनीता मधुकर और रूमा नाज ने कहा कि आज की नारी फातिमा शेख और सावित्रीबाई फुले की कर्जदार है। यह उन दोनों की त्याग और बलिदान एवं मेहनत का ही नतीजा है कि आज महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी हुई है।
कैलाश सिसोदिया ने समाज के सभी वर्गों को आह्वान करते हुए कहा कि हमें समाज के हर वर्ग तक शिक्षा के प्रसार के प्रयास करने होंगे तभी महापुरुषों को सजा सच्ची श्रद्धांजलि मानी जाएगी। इस अवसर पर रजनी लक्षवाल, मंजू गंगवाल, जुगराज बेरवा, आसिफ राजा विमल पांडे, इरशाद खान, कलीम, सलीम, मनीष जैन आदि सहित अन्य लोगों उपस्थित रहे।