प्रगतिशील किसान एवं एफपीओ मिलकर प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने के लिए रोडमेप बनाएं:- कलेक्टर
प्रगतिशील किसान एवं फार्मर्स प्रोड्यूसर्स आर्गेनाइजेशन (एफपीओ) के सदस्य मिलकर प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने के लिए रोडमेप तैयार करें। ब्लॉक वाइज उत्पादित अलग-अलग फसलों के खाद्य प्रसंस्करण माध्यम से मूल्य संवर्धन हेतु लक्ष्य तय कर यात्रा शुरू करे तथा चरणबद्ध प्रयास करें। जिससे किसानों की आय को बढ़ाने में मदद मिल सके।
ये बात जिला कलेक्टर राजेन्द्र किशन ने उपनिदेशक कृषि कार्यालय में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना एवं राज्य कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति 2019 एवं एगरीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर निधि के तहत आयोजित कार्यशाला में प्रगतिशील किसान एवं एफपीओ पदाधिकारियों से कही। कलेक्टर ने कहा कि प्रगतिशील किसान कुस्तला में लगाई गई अमरूद प्रसंस्करण यूनिट का अवलोकन करें, प्रसंस्करित सामग्री के मार्केटिंग के संबंध में जानकारी प्राप्त करें।
उन्होंने बैठक में निर्देश दिए कि कृषि, नाबार्ड, कृषि उपज मंडी समिति, उद्योग विभाग, बैंक सहित अन्य विभाग मिलकर 15 जनवरी को केम्प का आयोजन करें। जिसमें ऊर्जावान प्रगतिशील किसान एवं एफपीओ के सदस्य अपनी प्रसंस्करण इकाई लगाने के लिए विभिन्न फाइलें तैयार करवाएं। प्रगतिशील किसान एवं एफपीओ के सदस्य समर्पित होकर कार्य के लिए आगे बढ़े।
उन्होंने कहा कि जिले में अमरूद, आंवला, मिर्च, टमाटर, खस, दलहन, तिलहन फसलों के साथ ही फूलों के क्षेत्र में प्रंसस्करण की अपार संभावनाएं है। उन्होंने कहा कि एफपीओ के सदस्य पूरी ऊर्जा से समर्पित होकर कार्य करे तथा जिले के किसानों को नई दिशा देने के लिए आगे आएं। कार्यशाला में उन्होंने किसानों एवं एफपीओ सदस्यों से कहा कि सात दिवस में कम से कम बीस से अधिक फूड प्रोसेसिंग यूनिट की पत्रावलियां तैयार कर इस दिशा में आगे बढें।
कलेक्टर ने कार्यशाला में उपस्थित लोगों से कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने, निर्धारित प्रोटोकॉल की पालना करने तथा लोगों से करवाने का आग्रह भी किया। बैठक में कृषि विभाग के उप निदेशक रामराज मीना, आत्मा परियोजना निदेशक अमर सिंह, नाबार्ड के मक्खनलाल मीना, फूल उत्कृष्टता केन्द्र से लखपत मीना, कृषि विपणन बोर्ड के श्यामसुंदर गुप्ता सहित अन्य अधिकारियों ने किसानों तथा एफपीओ को फूड प्रोसेसिंग यूनिट के लिए दी जाने वाली सबसिडी सहित अन्य योजनाओं के बारे में जानकारी दी।
बैठक में जिला कलेक्टर ने नाबार्ड के देवलक्ष्मी एफपीओ, रणतभवर एवं चौथमाता फार्मर एफपीओ के अध्यक्षों को 18-18 लाख रूपए की स्वीकृति के पत्र सौंपे। प्रगतिशील किसान एवं एफपीओ के सदस्य शंकरलाल मीना, बृजलाल मीना पीलोदा सहित अन्य ने अपने सुझाव दिए तथा खाद्य प्रसंस्करण यूनिट स्थापित करने के संबंध में कई सुझाव दिए। कार्यशाला में नाबार्ड के मक्खनलाल मीना ने कृषि अवसंरचना निधि और कृषक उत्पादक संगठन के बारे में विस्तृत जानकारी दी।