जिले में लगातार सड़क दुर्घटनाएं होने के बावजूद भी वाहन चालक एहतियात नहीं बरत रहे हैं।
दुपहिया वाहनों पर क्षमता से अधिक सवारियों को बैठाकर फर्राटे भरने के नजारे आम बात हो गई है। वहीं भारी वाहन भी ओवरलोड लदान कर सरपट दौड़ रहे हैं। ट्रैक्टर-ट्राॅलियां इन दिनों चारे से भरी ओवरलोड होकर जहां कहीं देखने को मिल रही है। ऐसा ही कुछ खेरदा ब्रिज पर देखने मिला। चारे से भरी ओवरलोड ट्रैक्टर-ट्राॅली के साथ ही जान जोखिम में डालकर उपर कुछ सवारियों को बैठाया गया है। ऐसे में अगर कोई हादसा होता है तो उसका जिम्मेदार कोन होगा?