यूं तो लोकसभा आम चुनाव 2024 के मध्यनजर जिले के हर मुख्य रास्तों पर कई चैक पोस्ट बनी दिखाई देती हैं। लेकिन ये चैकपोस्ट शायद ओवर लोड तुड़ी के वाहनों को रोकने के लिए नहीं है। जिले से जयपुर, टोंक, कोटा, लालसोट या खण्डार, श्योपुर जाने वाले सभी रास्तों पर इन दिनों ओवरलोड वाहनों का बोलबाला है। वैसे तो ये केवल छोटे पिकअप वाहन हैं। लेकिन इनमें इतनी ओवर लोड चारा, तुड़ी भरा होता है कि वे पूरे सड़क को रोककर चलते हुए प्रतीत होते हैं। इन वाहनों के कारण आगे से आने वाले वाहनों को देखना बहुत मुश्किल होता है। वहीं इन वाहनों को चलाने वाले वाहन चालक स्वयं भी पीछे से आने वाले वाहनों को देखने में असमर्थ रहते हैं। इन ओवरलोड वाहनों की वजह से सड़कों पर वाहन चलाना बहुत मुश्किल हो जाता है। लेकिन जिले में पुलिस प्रशासन इन ओवरलोड वाहनों पर लगाम लगाने में नाकाम साबित हो रहा है। उल्लेखनीय है कि इन दिनों जिले की राज्य के अन्य जिलों एवं राज्यों से लगती सीमाओं पर चैक पोस्ट बनाई गई हैं।
जो नशीले पदार्थों, 50 हजार से अधिक कैश रूपयों तथा अन्य अवैध सामग्री रोकने के लिए आने जाने वाले वाहनों की जांच कर रही हैं। लेकिन ये इतनी चेक पोस्ट होने के बाद भी ओवरलोड वाहनों का संचालन बदस्तूर चल रहा है। इसके अलावा कई अन्य पुलिस गश्ती दल भी रास्तों में कहीं भी वाहनों को रोककर चैक कर रहे हैं। इनके द्वारा शादी समारोह में जाने वालों की जांच की जाती है। मण्डी से कृषि जिन्स बेचकर आने वाले किसानों की जांच की जाती है। प्रतिदिन अपने कार्यालयों को जाने वाले कार्मिकों को रोककर भी जांच की जाती है। लेकिन ओवर लोडिंग पर कोई रोक टोक नहीं है।
बहरहाल प्रशासन को रास्ता रोकते ओवरलोड वाहनों को भी यातायात के नियमों का पाठ पढ़ाना चाहिए।