जुलाई के अन्तिम सप्ताह में सवाई माधोपुर जिला कलेक्टर राजेन्द्र किशन ने शिवपुरी जाकर वहॉं के कलेक्टर, वन्य जीव और पर्यटन के विशेषज्ञों और टूर एंड ट्रेवल ऑपरेटर्स से मुलाकात कर सवाई माधोपुर-शिवपुरी पर्यटन सर्किट विकसित करने के प्रस्ताव पर प्रारम्भिक चर्चा की थी। इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाते हुए बुधवार को शिवपुरी कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह फिल्म निर्माता अनिल पाटिल, पर्यटन विशेषज्ञ अरविन्द सिंह तोमर तथा टूर एंड ट्रेवल से जुड़े समीर गांधी के साथ सवाई माधोपुर आये तथा जिला कलेक्टर राजेन्द्र किशन, यहॉं के पयर्टन और वन विभाग के अधिकारी, होटल संचालक तथा टूर एंड ट्रेवल कम्पनियों के प्रतिनिधियों के साथ कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक कर गम्भीर विमर्श किया।
शिवपुरी कलेक्टर ने बताया कि रणथम्भौर के चलते सवाई माधोपुर जिले के पास पर्यटन के क्षेत्र में विशेष दक्षता और अनुभव है। इसका लाभ हमें मिले और बदले में हम भी सवाई माधोपुर जिले में पर्यटन सेक्टर के विकास में योगदान दें, इसके लिये कार्य योजना तैयार की जा रही है। उन्होंने बताया कि रणथम्भौर और शिवपुरी के बीच कूनो नेशनल पार्क ब्रिज के रूप में काम कर सकता है। चम्बल नदी को केन्द्र में रखकर यह क्षेत्र वाटर स्पोर्टस के बड़े केन्द्र के रूप में भी विकसित किया जा सकता है।
उन्होंने शिवपुरी, ग्वालियर और आसपास के महत्वपूर्ण पर्यटन और ऐतिहासिक धरोहरों सम्बंधी प्रजेंटेशन देकर सवाई माधोपुर के टूर एंड ट्रेवल ऑपरेटर व होटल व्यवसायियों से अनुरोध किया कि रणथम्भौर आने वाले पर्यटकों को हमारे पर्यटन स्थलों की जानकारी देकर कुनो-ग्वालियर-शिवपुरी घूमने के लिये प्रोत्साहित करें, हम भी पर्यटकों को रणथम्भौर, चौथ का बरवाड़ा, खंडार भेजने का पूरा प्रयास करेंगे। उल्लेखनीय है कि पूर्व में शिवपुरी के माधव पार्क एवं कूनो नेशनल पार्क में आने वाले पर्यटकों को रणभम्भौर की ओर मोडने के लिये जिला कलेक्टर राजेन्द्र किशन ने विशेष कार्य योजना तैयार की थी।
उन्होंने जुलाई के अन्तिम सप्ताह में शिवपुरी का दौरा कर वहॉं के कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह को प्रस्ताव दिया था कि वे शिवपुरी से एक प्रतिनिधिमंडल लेकर सवाई माधोपुर आएं, यहॉं की वन और वन्य जीव संपदा और पर्यटक स्थलों को निहारे तथा नया पर्यटन सर्किट विकसित करने के सम्बंध में आगे कदम उठाये। कलेक्टर राजेन्द्र किशन ने बताया कि यह पर्यटन सर्किट बन गया तो दोनों जिलों की अर्थव्यवस्था को बहुत बूस्ट मिलेगा। शिवपुरी, कुनो, ग्वलियर आने वाले 50 प्रतिशत और सवाई माधोपुर आने वाले 50 प्रतिशत भी पर्यटक दोनों स्थानों की विजिट करें तो पर्यटन को बहुत बूम मिलेगा।
बुधवार को हुई बैठक में सवाई माधोपुर कलेक्टर ने रणथम्भौर फोर्ट, खंडार, चौथ का बरवाड़ा, शिवाड, सूरवाल, कुशालीपुरा के ऐतिहासिक, वाइल्ड लाइफ और धार्मिक पर्यटन स्थलों के महत्व की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2010 से 2019 के बीच यहॉं आने वाले पर्यटकों की संख्या सवा 2 गुना हो गयी है। विश्वभर की सेलेब्रिटी के लिये यह वेडिंग और वेकेशन प्लेस के रूप में उभरा है। टाइगर की दहाड के लिये मशहूर इस पार्क को जिले की अर्थव्यवस्था की लाइफलाइन माना जा सकता है।
पर्यटको के विश्राम हेतु झूमर बावड़ी व विनायक होटल, रा.प.वि.नि. द्वारा संचालित की जा रही हैं। जिले में हैरिटेज होटल, बजट श्रेणी होटल व अन्य लग्जरी होटल सहित लगभग दौ सौ से अधिक होटल हैं। उन्होंने बताया कि सवाई माधोपुर के होटल व्यवसाय की दक्षता का लाभ शिवपरी और आसपास का क्षेत्र उठाये तो हम सभी को लाभ मिलेगा। इसी प्रकार मध्यप्रदेश से आये प्रतिनिधिमंडल ने ग्वालियर में 26 से 30 दिसम्बर तक आयोजित होने वाले तानसेन महोत्सव में सवाई माधोपुर के पर्यटन से जुड़े लोगों व ट्रेवलर्स को आमंत्रित किया। उन्होंने शिवपुरी स्थित नेशनल पार्क, भदैया कुंड, जिला संग्रहालय छतरी, तांत्या टोपे स्मारक, जार्ज पंचम हंटिंग प्वाइंट, सुरवाया गढ़ी, बॉम्बे कोठी, प्राकृतिक जल स्रोत्र, सेलिंग क्लब, माधव पार्क, वहॉं आने वाले विदेशी प्रवासी पक्षी व वन्य जीवन के बारे में प्रजेंटेशन दिया।
इसी प्रकार कुनो, ओरछा और ग्वालियर के पर्यटन स्थलों और प्राकृतिक सौंदर्य के सम्बंध में भी बिन्दुवार जानकारी दी। शिवपुरी कलेक्टर ने बताया कि कूनो में चीता और शिवपुरी नेशनल पार्क में टाइगर लाए जा रहे है। कुनो का जंगल श्रेष्ठ जंगलों में एक है। यहां पर्यटकों की सुविधाएं विकसित करने के प्रयास किए जा रहे हैै। सवाई माधोपुर-शिवपुरी वाइल्ड लाइफ हब/पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित होने पर दोनों जिलों के पर्यटन को काफी लाभ मिलेगा।