घरेलू उपभोक्ताओं को 100 और कृषि उपभोक्ताओं को दो हजार यूनिट बिजली फ्री देने की घोषणा का सीएम अशोक गहलोत ने दावा किया कि इससे आम लोगों को महंगाई से राहत मिलेगी। लेकिन यह दावा अब गलत साबित होता नजर आ रहा है। महंगा कोयला खरीदने का तर्क देकर गहलोत सरकार ने गत तीन माह में एक रुपया 38 पैसे प्रति यूनिट बिजली महंगी कर दी है। इससे प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं पर 2270 करोड़ रुपए का भार पड़ेगा।
यानी बिजली उपभोक्ताओं से 2270 करोड़ रुपए की अतिरिक्त वसूली की जाएगी। इसका सबसे ज्यादा असर गली मोहल्लों में दुकान चलाने वाले छोटे कारोबारियों पर पड़ेगा। 100 यूनिट बिजली फ्री लेने के लिए लोग एक और महंगाई राहत शिविर में रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं तो वही सरकार फ्यूल चार्ज बढ़ा कर 2270 करोड़ रुपए की अतिरिक्त वसूली कर रही है।