चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग सभागार में आज उपखण्ड सवाई माधोपुर सलाहकार समिति की बैठक कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सवाई माधोपुर में आयोजित की गई। जिसमें उपखण्ड समुचित प्राधिकारी एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. तेजराम मीना, स्त्री रोग विशेषज्ञ डाॅ. महेन्द्र जैन, शिशु रोग विशेषज्ञ डाॅ. सुनील शर्मा, जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी सुरेश गुप्ता, ममता एनजीओ की सदस्य सुकीर्ति गुप्ता, आरके संस्थान के सदस्य पुरूषोत्तम शर्मा तथा पीसीपीएनडीटी के जिला समन्वयक आशीष गौतम उपस्थित रहे।
उपखण्ड में किये गए निरीक्षणों व की जा रही गतिविधियों के बारे में अवगत कराते हुये बैठक में पंजीकृत केन्द्र के नवीनीकरण व आई हाॅस्पीटल के नवीन पंजीकरण आवेदन पत्र, केन्द्रों द्वारा नियत समय पर मासिक रिपोर्ट नहीं पहुचाने वाले केन्द्रों को अंतिम अवसर देते हुए चेतावनी दिए जाने व यूएसजी पर अधिकृत किए जाने जैसे कई बिन्दुओं पर उपस्थित सदस्यगणों से चर्चा कर निर्णय लिये गए।
डाॅ. तेजराम मीना ने बताया कि जिले में आंखों की जांच हेतु बी-स्कैन नामक यूएसजी मशीनों का पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत पंजीकरण करवाना अनिवार्य होगा। जिसके लिए राज्य एवं जिला स्तर से संबंधित चिकित्सालयों को सूचित किया जा चुका है। जिन्होनें अभी तक बी-स्कैन यूएसजी मशीन के एक्ट के तहत पंजीयन हेतु आवेदन नहीं किया है वो केन्द्र कार्यालय में जिला पीसीपीएनडीटी सैल से संपर्क कर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के अभाव में अंपजीकृत बी-स्कैन यूएसजी मशीन पाए जाने पर यदि कोई सरकारी या निजी अस्पताल इसका उपयोग करता है तो उसे अवैध माना जाएगा।
आशीष गौतम ने बताया कि बी-स्कैन मशीन के तकनीकी जानकारों ने अवगत कराया कि उक्त मशीन में थोडें से बदलाव कर भ्रूण लिंग चयन संभव है। जिससे मशीन में प्रोब बदलकर गर्भवती महिला के भ्रूण लिंग परिक्षण के काम में लिया जा सकता है। लिहाजा निर्देशों के तहत इन मशीनों में जीपीएस और ट्रेकर लगेंगे ताकि इनके दुरूपयोग को रोका जा सके। इनका स्थानांतरण बिना राज्यादेश के नहीं हो सकेगा। इसके लिए एक्ट के तहत पंजीयन अनिवार्य होगा। जिले में ऐसी अपंजीकृत/अवैध मशीन पाई जाने पर जिला पीसीपीएनडीटी सैल द्वारा सीलसीज कार्यवाही की जाकर नियमानुसार कानूनी कार्यवाही प्रारम्भ कर दी जाएगी।