जिले के बौंली उपखंड मुख्यालय स्थित बौंली थाने में कार्यरत पुलिस उप निरीक्षक हरभान सिंह को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो जयपुर की टीम ने आज सुबह करीब 11 बजे तीन हजार रूपये की रिश्वत राशि के साथ गिरफ्तार किया है। एसीबी टीम जयपुर के पुलिस निरीक्षक नरेंद्र सिंह ने बताया कि आरोपी एसआई ने क्षेत्र के सोमवास निवासी शिवराज पुत्र कल्याण मल गुर्जर से उसके भाई पायलट गुर्जर का मोबाइल व मोटरसाइकिल के कोटेशन वापस लौटाने की एवज में रिश्वत राशि की मांग की थी। उन्होंने बताया कि आरोपी से इस मामले में परिवादी से 5000 की अवैध पारितोषिक के रूप में राशि मांगी जिसकी आरोपी ने एसीबी में शिकायत दर्ज कराई। परिवादी की दर्ज शिकायत का एसीबी ने 9 नवम्बर को सत्यापन कराया। सत्यापन के दौरान आरोपी ने परिवादी से 12 सो रुपए प्राप्त कर दो सौ रूपए परिवादी को वापस लोटा 3000 की राशि और देने की मांग की। इस पर परिवादी ने 3000 की राशि बाद में देने का आश्वासन दिया।
परिवादी के आश्वासन के बाद एसीबी टीम ने आरोपी को गिरफ्तार करने की कार्य योजना बनाई व सोमवार को परिवादी को 3000 की राशि देकर आरोपी को देने के लिए भेजा। थाने के अंदर जैसे ही आरोपी को परिवादी ने 3000 की राशि सौंपी एसीबी की टीम ने उसे दबोच लिया। आरोपी को एसीबी टीम की कार्रवाई की भनक लगी तो आरोपी ने थाने की चारदीवारी फलांग कर भागने का प्रयास किया लेकिन एसीबी की टीम ने पीछा कर उसे दबोच लिया व कार्रवाई को अंजाम दिया।
गौरतलब है कि परिवादी शिवराज गुर्जर के भाई पायलट गुर्जर के विरुद्ध थाने में चंद्रमोहन नामक व्यक्ति द्वारा दर्ज कराए गए प्रकरण में आरोपी ने परिवादी से चंद्र मोहन को 15000 दिलवाकर राजीनामा करवा दिया तथा उक्त पत्रावली में राजीनामा कराने के बाद पारितोषिक के रूप में आरोपी एस आई सिंह ने परिवादी से 5000 की रिश्वत राशि माँगी जिस पर परिवादी ने एसीबी के अंदर शिकायत दर्ज कराई।
यह भी उल्लेखनीय है कि कुछ माह पूर्व भी सवाई माधोपुर एसीबी की टीम द्वारा थाने में कार्यरत एक एएसआई को रिश्वत राशि के साथ गिरफ्तार किया गया था।
एसीबी की इस कार्यवाही से मुख्यालय के अन्य सरकारी कार्यालयों में भी भय का माहौल बना रहा तथा लोग एसीबी की इस कार्यवाही की चैराहों पर सराहना करते नजर आए। थाने के एसआई की ट्रैप कार्रवाई के दौरान एसीबी की टीम में निरीक्षक नरेंद्र सिंह के साथ कांस्टेबल रमेशचंद, सरदार सिंह, राजकृष्ण, जगदीश, अनोख कुमार व स्वतंत्र गवाह साथ में थे।