मोहर्रम के अवसर पर शिवाड़ में मस्जिद से मातमी धुनों के साथ ताजियों को रवाना किया गया।रहमान पठान ने बताया कि आज मंगलवार दोपहर 12 बजे जुलाहा मस्जिद एवं बड़ी मस्जिद से मातमी धुनों के साथ ताजिया रवाना हुई जो दोपहर 2 बजे मुख्य बाजार चौक पहुंची जहां अखाड़ा उस्तादों द्वारा अपना-अपना करतब दिखाया गया। इस अवसर पर अखाड़ा उस्ताद मंजूर खान पठान ने बताया कि हजरत इमाम हुसैन को कुर्बानी एवं शहादत के तौर पर याद किया जाता है। काजी साजिद खान ने कहा की हजरत इमाम हुसैन ने समानता एवं भाईचारे को बहुत महत्व दिया था और झूठ के आगे कभी भी झुकने से मना किया था।
इस दौरान मुस्लिम समाज के लोगों ने प्रशासन व गणमान्य लोगों का एवं अखाड़ा उस्तादों का माला साफा पहनाकर स्वागत किया। यहां से करीब 3.30 बजे ताजिया अपने गंतव्य स्थान को रवाना हुई जो मुख्य बाजार नाथ, कुशवाहा मोहल्ला, गौतम आश्रम से होती हुई शाम को कर्बला पहुंची जहां ताजिये को सुपुर्द ए खाक किया गया। इस अवसर पर कस्बे में हिंदू मुस्लिम लोगों में भाईचारा देखने को मिला। शिवाड़ में मंगलवार ताजिये को देखते हुए कस्बे में 150 जवानों को तैनात किया गया जवानों को चैराहे एवं गलियों पर तैनाती कर पूरी सुरक्षा रखी गई। वहीं थाना प्रभारी टीनू सागरवाल व शिवाड़ चौकी प्रभारी हनुमान मीणा सोमवार रात से ही कस्बे में मंगलवार शाम देर तक डेरा जमाए गस्त करते नजर आए।
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