केन्द्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केन्द्र जयपुर एवं राज्य कृषि विभाग की टीम ने संयुक्त रूप से मैनपुरा, सूरवाल एवं करमोदा में अमरूदों के पौधो का सर्वे किया। वनस्पति संरक्षण अधिकारी जयपुर श्रीराम डिडेल ने अमरूदो में लगने वाले कीट व्याधी का रोग का सर्वे कर इसके संरक्षण के उपाय उपस्थित कृषकों को बताए। उन्होंने कृषकों को कीट व्याधी रोग की जानकारी देते हुए बताया कि नाशीजीव नियंत्रण की सस्ती और वृहद आधार वाली विधि है जो नाशीजीवों के नियंत्रण की सभी विधियों के समुचित तालमेल पर आधारित है।
इसका लक्ष्य नाशीजीवों की संख्या एक सीमा के नीचे बनाये रखना है। सहायक निदेशक उद्यान बृजेश कुमार मीना ने कृषकों को जानकारी देते बताया कि एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें फसलों को हानिकारक कीड़ों तथा बीमारियों से बचाने के लिए किसानों को एक से अधिक तरीकों को जैसे व्यवहारिक, यांत्रिक, जैविक तथा रासायनिक नियंत्रण इस तरह से क्रमानुसार प्रयोग में लाना चाहिए ताकि फसलों को हानि पहुंचाने वालें की संख्या आर्थिक हानिस्तर से नीचे रहे और रासायनिक दवाईयों का प्रयोग तभी किया जाए जब अन्य अपनाए गये तरिके से सफल न हों। इस दौरान सहायक निदेशक डॉ. सुमन मीना, सहायक निदेशक गोपाल लाल शर्मा उपस्थित रहे।