सवाईमाधोपुर की खंडार तहसील में आज एक बाघ ने चरवाहे पर हमला कर दिया। चरवाहे के साथी के हल्ला मचाने व लाठी दिखाने पर बाघ वहां से चला गया। चरवाहे को पास के अस्पताल ले जाया गया जहां से उसे सवाई माधोपुर रैफर कर दिया गया। थाना अधिकारी रामसिंह यादव ने बताया कि खंडार तहसील के गांव बाणपुर में दो चरवाहे 45 वर्षीय रामधन पुत्र हरफूल गुर्जर अपने साथी मिंटू गुर्जर के साथ खेत के पास बकरियां चारा रहे थे। उन्हें इसका जरा भी अंदाजा नहीं था कि एक खूंखार जानवर उन्हें घूर रहा है। वहां घात लगाए बैठे एक बाघ ने रामधन पर हमला कर दिया। बिजली की तेजी से लपके बाघ ने रामधन की टांग, सिर पर अपने पंजे व दांत गड़ा दिए। उसके पास ही मौजूद मिंटू ने हिम्मत से काम लिया और जोर से चिल्लाया तथा बाघ को डंडा दिखाया। इससे बाध रामधन को छोड़ कर खेतों में ओझल हो गया। मिंटू ने आवाज देकर ग्रामीणों को बुलाया। इस पर ग्रामीण वहां आए और हरफूल को अस्पताल ले गए। सूचना पर क्षेत्रीय वन अधिकार मोहनलाल गर्ग, थाना अधिकारी रामसिंह यादव तथा तहसीलदार देवी सिंह अस्पताल पहुंच गए। वहां ग्रामीणों ने अधिकारियों से अपनी नाराजगी जताई।
ग्रामीणों का कहना था कि पिछले कुछ दिनों से एरिया में दो बाघों का मूवमेंट था। इसकी सूचना उन्होंने वन विभाग को दी थी लेकिन वहां से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। उल्लेखनीय है कि टाइगर इससे पहले भी यहां ग्रामीणों पर हमले कर चुके है। पिछले साल एक चरवाहे की बाघ के हमले में मौत हो गई थी।
इसलिए आ रहे जंगल से बाहर:-
रणथंभौर नेशनल पार्क में पर्यटन सीजन चल रहा है। विंटर ब्रेक्स के कारण देश-दुनिया के लोग यहां जंगल घूमने को आ रहे हैं। पर्यटकों की बढ़ती तादात के कारण बाघ कई बार जंगल से बाहर निकल जाते हैं। खंडार का इलाका रणथंभौर नेशनल पार्क से सटा हुआ है। यहां बाघ जंगल से निकल कर आ जाते है। उनके मूवमेंट से ग्रामीणों में दहशत घर कर जाती है। इस बार भी बाघों का मूवमेंट था और जंगल के राजा ने आखिरकार चरवाहे पर हमला कर दिया।