सुशासन, कार्मिकों की कार्यशैली में सुधार, आमजन को बिजली, पानी की निर्बाध आपूर्ति, मौसमी बीमारियों, हीट वेव लू-तापघात से बचाव के संबंध में मुख्य सचिव द्वारा दिए गए निर्देशों की पालना सुनिश्चित करवाने के लिए सम्भागीय आयुक्त भरतपुर सांवर मल वर्मा ने गुरूवार को कलेक्ट्रेट सभागार में सभी जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक ली। सम्भागीय आयुक्त ने कहा कि मुख्य सचिव के निर्देशानुसार सुशासन, ग्रीष्मकाल में आमजन को पेयजल, विद्युत समस्या से निजात, मौसमी बीमारियों लू-तापघात के संबंध में जारी एडवाईजरी की पालना, एमएसपी पर जिन्सों की खरीद, सम्पर्क पोर्टल पर दर्ज प्रकरणों एवं जनसुनवाई में आए प्रकरणों का गुणात्मक निस्तारण किया जाए। उन्होंने कहा कि बिना अनुमति के कोई भी कार्मिक मुख्यालय नहीं छोड़ेगा। प्लास्टिक का प्रयोग नहीं करेगा।
राजकीय समारोह में साफा, गुलदस्ते, मुमेन्टो ग्रहण नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि विद्युत, जलदाय व चिकित्सा विभाग द्वारा इस भीषण गर्मी में आमजन की शिकायतों के त्वरित निवारण हेतु 24 घण्टे संचालित कन्ट्रोल रूम में प्राप्त प्रत्येक परिवाद का सत्यापन संबंधित जिला स्तरीय अधिकारी द्वारा स्वयं किया जाए। उन्होंने कहा कि आमजन की शिकायतों का निर्धारित समयावधि में निवारण नहीं करने वाले संबंधित अधिकारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि जलापूर्ति के समय विद्युत शट डाउन किया जाए ताकि आमजन को पानी की सप्लाई अंतिम छोर तक सुनिश्चित की जा सके। अगर किसी परिस्थिति वश पानी की सप्लाई नहीं हो पाती है तो या उसके समय में परिवर्तन किया गया है तो इसकी पूर्व सूचना आमजन को समाचार पत्रों के माध्यम से दी जाए।
उन्होंने कहा कि 31 मई तक समर कंटेजेन्सी प्लान तैयार किया जाए। अगर टैंकर के माध्यम से पेयजल की आपूर्ति की जाती है तो उस टैंकर में पारदर्शिता के लिए जीपीएस लगा हो, संबंधित एसडीएम को सूचना हो। निःशुल्क जलापूर्ति का बैनर लगा हो, टोकन सिस्टम फोलो किया जाए। उन्होंने कहा कि आमजन को मौसमी बीमारियों में लू-तापघात से बचाव के लिए जारी एडवाईजरी के पेम्पलेट अखबारों के माध्यम से आमजन तक पहुंचाए जाए। इसका प्रिन्ट व इलेक्ट्रोनिक मीडिया के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। उन्होंने कहा कि ई-फाईलिंग के निस्तारण मे अधिक समय लग रहा है। उन्होंने 31 मई तक सभी विभागीय अधिकारियों को ई-फाईलिंग सिस्टम अपनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा अगर आवश्यकता हो तो संबंधित कार्मिक को दो-तीन बार डीओआईटी के माध्यम प्रशिक्षण दिलाया जाए। उन्होंने कहा कि सम्पर्क पोर्टल पर सभी जिला स्तरीय अधिकारी अपने एसएसओ आईडी से लॉगिन कर प्रकरणों की जांच करें। मृतक स्थानान्तरित अधिकारी की एस.एस.ओ आईडी मेपिंग अवश्य करवाएं।
उन्होंने जल जीवन मिशन के अन्तर्गत नल कूपों के लिए खोदी गई पंचायत, सार्वजनिक निर्माण विभाग की सड़कों के मरम्मत कार्याे की गुणवत्ता की जांच सात दिवस में संबंधित एसडीएम, विकास अधिकारी एवं तहसीदार द्वारा कराने के निर्देश दिए। जिला कलक्टर डॉ. खुशाल यादव ने कहा कि सम्भागीय आयुक्त भरतपुर द्वारा आमजन को निर्बाध रूप से जलापूर्ति व विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। सम्पर्क पोर्टल एवं जनसुनवाई के लंबित प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण किया जाए। बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर जगदीश आर्य, मुख्य कार्यकारी अधिकारी हरिराम मीना, सीएमएचओ डॉ. धर्मसिंह मीना, अधीक्षण अभियंता जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के.सी. मीना, अधीक्षण अभियंता जेवीवीएनएल ए.के. बुजैठिया, नगर परिषद आयुक्त फतेह सिंह मीना, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी कृष्णा शर्मा सहित अन्य अधिकारी एवं कार्मिक उपस्थित रहे।
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