करीब 9 माह पूर्व बजरिया के पेट्रोल पम्प पर एक बालक के लावारिस अवस्था में मिले बालक केा आज बाल कल्याण समिति के आदेश से पुलिस गार्ड के द्वारा उसके घर बिहार मुजफरपुर पहुंचा दिया गया। चाइल्डलाइन के परियोजना निदेशक अरविन्दसिंह चोहान ने बताया कि 21 अगस्त 2018 को बजरिया के पेट्रोल पम्प पर एक बालक के लावारिस अवस्था में घुमने की सुचना पर चाइल्डलाइन टीम ने बालक को अपने संरक्षण में लिया और बाल कल्याण समिति के आदेश से मर्सी आश्रय गृह में अस्थायी अवासित कराया। इस दौरान संस्था स्टाफ लगातार बालक की काउन्सलिंग करता रहा और बालक झूठ बोलकर अलग अलग जगह की बाते बताता रहा। संस्था की ओर से हौंसला योजना के तहत दिल्ली में राष्टीय स्तर पर बालक खेलकूद मे भाग भी लेने गया।
समय बीतने के साथ बालक स्टाफ से घुल मिल गया और करीब 15 दिन पूर्व अपना मूल पता बताया कि वो बिहार के मुजफरपुर का रहने वाला है। और पढ़ने नहीं जाता था इसलिए घरवालो ने डांट दिया। मौका पाकर बालक अपने घर से निकल गया और करीब दो साल तक कई बाल गृहो में रह चुका है। बाालक द्वारा बताये गये पते पर जानकारी जुटाई गयी और पता सही पाये जाने पर बालक को बाल कल्याण समिति के आदेश से पुलिस गार्ड द्वारा उसके गृह जिले में पहुंचा दिया गया।
दूसरा किशारे मैनपुरी युपी का रहने वाला था और दो दिन पूर्व रेलवे स्टेशन पर मिला था बालक के परामर्श के दौरान बताये गये पते पर सम्पर्क किया गया और परिजनों को मामले की जानकारी दी गयी। सूचना मिलने के बाद परिजन सवाई माधोपुर पहुंचे जहॉ बालक एवं परिजन दोनो को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया। दस्तावेजो की जॉच एवं परामर्श के बाद बालक को उनके परिजनों के हवाले कर दिया गया। परिजनों ने बाल कल्याण समिति, चाइल्डलाइन एवं शेल्टर होम स्टाफ को आभार जताया और धन्यवाद ज्ञापित किया।