सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज एवं निरंकारी राजपिता रमित की पावन छत्रछाया में प्रातः 8 बजे अमृत प्रोजेक्ट के अंतर्गत “स्वच्छ जल, स्वच्छ मन” परियोजना के दूसरे चरण का शुभारम्भ अमृत सरोवर सवाई माधोपुर में किया गया। संत निरंकारी मण्डल सवाई माधोपुर के मीडिया प्रभारी प्रज्वल प्रजापति ने बताया कि इस अवसर पर निरंकारी सेवादल वह निरंकारी वॉलिंटियर द्वारा सरोवर एवं उसके आसपास के क्षेत्र में अभियान चलाया गया।
जिसमें स्वंयसेवकों के सहयोग से आयोजन सफल हुआ। इस परियोजना में अधिक से अधिक युवाओं का सक्रिय योगदान रहा। बाबा हरदेव सिंह महाराज की शिक्षाओं से प्रेरित यह परियोजना समस्त भारतवर्ष के 27 राज्यों एवं केन्द्रशासित प्रदेशों के 1533 से अधिक स्थानोंपर 11 लाख से भी अधिक विशाल रूप में आयोजित की गई।
प्रोजेक्ट अमृत के दूसरे चरण का आरम्भ करते हुए निरंकारी राजपिता रमित ने सतगुरु माता से पूर्व अपने संबोधन में कहा कि बाबा हरदेव सिंह ने अपने जीवन से हमें यही प्रेरणा दी कि सेवा की भावना निष्काम रूप में होनी चाहिए न की किसी प्रषंशा की चाह में। सतगुरु माता ने प्रोजेक्ट अमृत के अवसर पर अपने आर्शीवचनों में फरमाया कि हमारे जीवन में जल का बहुत महत्व है और यह अमृत समान है। जल हमारे जीवन का मूल आधार है।
परमात्मा ने हमें यह जो स्वच्छ एवं सुंदर सृष्टि दी है, इसकी देखभाल करना हमारा कत्र्तव्य है। हमें प्रकृति को उसके मूल स्वरूप में रखते हुए उसकी स्वच्छता करनी होगी। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य जल निकायों का संरक्षण उनकी स्वच्छता एवं स्थानीय जनता के बीच जागरूकता अभियान के माध्यम से आमजन को प्रोत्साहित करना है, ताकि आने वाली पीढ़ियां एक स्वस्थ भविष्य में खुली श्वास ले पाए।