चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से आज गुरूवार को वर्ल्ड हूमन मिल्क डोनेशन डे आयोजित किया गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. तेजराम मीना ने बताया कि वर्ल्ड हूमन मिल्क डोनेशन डे पर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन कर मां के दूध और उसके दान के बारे में जानकारी दी गई। कार्यक्रम में डॉ. प्रियंका सक्सेना ने प्रसूताओं, धात्री और गर्भवती माताओं को मां के दूध और उससे जुड़ी जानकारी सरल भाषा में दी।
उन्होंने बताया कि बच्चे के जन्म के प्रथम एक घंटे में स्तनपान व 6 महीने तक शिशुओं को सिर्फ मां का दूध ही पिलाना चाहिए। बच्चे के लिए आवश्यक पोषक तत्व बच्चे को मां के दूध से ही मिल जाते हैं। साथ ही जिन भी माताओं को अधिक दूध बनता है वो अपने बच्चे की जरूरत से अधिक दूध को जिला अस्पताल में स्थित मदर मिल्क बैंक में दान कर सकते हैं। इस दान किए गए दूध से उन बच्चों की आवश्यकता पूरी की जा सकती है जिनकी माताओें को दूध बनता नहीं है या कम बनता है अथवा वे किसी स्वास्थ्य समस्या के चलते अपने बच्चे को दूध नहीं पिला पाती हैं।
साथ ही उन नवजात बच्चों को भी मां का दूध मिल पाता है जिनकी माताओं की मृत्यु जन्म के बाद हो जाती है, लावारिस मिले नवजातों के लिए भी यह दूध जीवनरक्षक साबित होता है। साथ ही एएनएमटीसी की छात्राओं को भी इस बारे में विस्तार से जानकारी दी गई, ताकि वे भी अन्य महिलाओं को दुग्ध दान के लिए प्रेरित कर सकें। जिला अस्पताल में स्थित आंचल मदर मिल्क बैंक में अब तक 1219 महिलाएं अपना दूध दान कर चुकी हैं।
बैंक में कुल 4,76,498 मिलीलीटर दूध दान किया जा चुका है। दान किए गए इस दूध से कई नवजात बच्चों को लाभान्वित किया जा चुका है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. तेजराम मीना ने बताया कि बच्चे के जन्म के प्रथम एक घंटे में स्तनपान व छह महीने तक शिशुओं में स्तनपान की दर में सुधार करने के लिये जागरूकता की आवश्यकता है। एनएफएचएस के आंकड़ों के अनुसार राजस्थान में शिशु के जन्म के एक घंटे में 40 प्रतिशत तथा शिशु जन्म के 6 माह तक स्तनपान 70 प्रतिशत बच्चों को करवाया जाता है।
जो माताएं अपने बच्चों केा स्वंय स्तनपान नहीं करवा सकती है अथवा दूध कम आता है उनके शिशुओं को अन्य किसी महिला का दूध निकाल कर अथवा अन्य किसी माता के द्वारा दान किये गये दूध की महत्ता को सभी तक पहुंचाने के लिये 19 मई को वर्ल्ड हूमन मिल्क डोनेशन डे मनाया जाता है। इस अवसर पर डॉ. शीफिका, डॉ. अभिरूचि, मदर मिल्क बैंक मैनेजर पिंदरपाल, जिला आईईसी समन्वयक प्रियंका दीक्षित सहित एएनएमटीसी की छात्राएं मौजूद रहीं।