जयपुर:- विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आयोजित की जा रही हितधारक कार्यशाला के तीसरे दिन नगर निगम एवं नगर पालिकाओं द्वारा संचालित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए ओसीईएमएस (Online Continuous Emission/Effluent monitoring Systems) पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अधीक्षण वैज्ञानिक अधिकारी नेहा अग्रवाल ने पीपीटी प्रस्तुतीकरण के माध्यम से ओसीईएमएस तकनीक की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि राज्य में लगभग 600 उद्योगों में ओसीईएमएस के जरिये प्रदूषण उत्सर्जन पर निगरानी रखी जा रही है।
उन्होंने कहा कि मंडल प्रशासन ओसीईएमएस से मिलने वाले डाटा को लेकर सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है, वहीँ जिन उद्योगों में ओसीईएमएस का डाटा सही प्राप्त नहीं हो रहा उन्हें समय-समय पर नोटिस दिया रहा है। इस दौरान उन्होंने ओसीईएमएस की कार्यप्रणाली एवं तकनीकी पहलुओं पर भी विस्तार से चर्चा की। इस दौरान माजूदा हितधारकों ने ओसीईएमएस के संचालन एवं डाटा ट्रांसमिशन पर आ रही समस्याओं एवं उनके समाधानों पर गहनता से विचार किया गया।
कार्यशाला के दूसरे सत्र के दौरान हाजार्डियस अपशिष्ट प्रबंधन विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस मौके पर अतिरिक्त मुख्य पर्यावरण अभियंता ओपी गुप्ता ने पीपीटी प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया कि किसी भी पदार्थ को हाजार्डियस अपशिष्ट पदार्थ एवं बाय प्रोडक्ट की शृंखला में कैसे चिन्हित किया जाएं। इसके लिए उन्होंने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा जारी की गयी एसओपी पर विस्तृत रूप से जानकारी दी।
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