Saturday , 30 November 2024

खंडार विधायक बैरवा के खिलाफ ही परिजनों ने खोला मोर्चा, छोटे भाई ने पेश की टिकट की दावेदारी

जिले की खंडार विधानसभा से वर्तमान कांग्रेस विधायक अशोक बैरवा कि आगमी विधानसभा चुनाव में मुश्किलें बढ़ती दिख रही है।
खंडार विधानसभा क्षेत्र से चौथी बार के विधायक अशोक बैरवा के छोटे भाई सुनील तिलकर ने विधायक बड़े भाई अशोक के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कांग्रेस से अपने लिए टिकट की दावेदारी पेश कर, खंडार की कांग्रेस राजनीति में भूचाल ला दिया है। सुनील तिलकर ने अपने भाई के लिए पहले लगातार 15 वर्ष तक क्षेत्र के मतदाताओं से वोट मांग कर लगातार तीन बार अशोक बैरवा को विधायक बनवाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की उसके बाद 2013 में बैरवा राजपा के कारण चुनाव हार गए लेकिन 18 में चौथी बार फिर से अशोक बैरवा विधायक बन गए।

 

 

सुनील तिलकर का कहना है कि क्षेत्र की जनता अब चेहरा परिवर्तन चाहती है, इसलिए वे पहले भाई के लिए काम कर रहे थे अब क्षेत्र के मतदाताओं के आग्रह पर खुद कांग्रेस से टिकट मांग रहे है। तिलकर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अशोक बैरवा ने 20 वर्ष विधायक रहने के बावजूद क्षेत्र में कोई विकास के कार्य नहीं करवाए, क्षेत्र में आज भी पीने के पानी का संकट है, सड़कों की हालत खराब है, लोगों की मांग थी की विधानसभा क्षेत्र के खंडार और चौथ का बरवाड़ा बड़े कस्बे है इनको नगरपालिका का दर्जा दिया जावे लेकिन उन्होंने जनभावनाओं की पूरी तरह उपेक्षा की है, उसी का परिणाम है की मतदाता इस बार चेहरा परिवर्तन चाहते है।
सुनील तिलकर का कहना था कि पहले वे सवाई माधोपुर नगर परिषद के सभापति का चुनाव लड़ चुके हैं और वर्तमान में नगर परिषद सदस्य हैं, हालाकि इस बार भी वे सभापति पद के प्रबल दावेदार थे।

 

Younger brother stakes claim for ticket against Khandar MLA Ashok Bairwa

 

लगभग सभापति चुना जाना भी तय हो गया था लेकिन एन वक्त पर अशोक बैरवा ने ही उसमे अड़ंगा लगा कर उनको सभापति बनने से रोक दिया। एक प्रश्न के जवाब में सुनील ने कहा की पार्टी ने मुझे टिकट दिया तो मेरी जीत सुनिश्चित है, लेकिन ये भी तय है कि अगर वर्तमान विधायक को टिकट दिया जाता है तो कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ेगा। क्योंकि क्षेत्र का मतदाता कांग्रेस को वोट करना चाहता है, पर वर्तमान विधायक को नहीं। यहां ये भी उल्लेखनीय है कि, पिछले कई दिनों से खंडार विधायक अशोक बैरवा के पिता खुले आम तथा सोशल मीडिया के जरिए कांग्रेस पार्टी के नेताओं को संदेश दे रहे हैं, की अगर अशोक बैरवा को टिकट दिया तो वे उसको हराने के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर देंगे।

 

 

बैरवा के परिवार की इन सभी चुनौतियों ने बैरवा के राजनेतिक भविष्य पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया है। राजनीतिक गलियारे खंडार ही नहीं सवाई माधोपुर जिले की चार में से तीन विधानसभा सीटों सवाई माधोपुर, खंडार और बामनवास में जहां वर्तमान विधायकों के टिकट कटने की संभावनाएं बनती दिख रही है। वहीं भाजपा की प्रदेश स्तर पर चल रही गुट बाजी में टिकट की आस लगाए बैठे उम्मीदवारों की सांसे भी ऊपर नीचे हो रही हैं। बहरहाल इसी सप्ताह में चुनाव घोषणा होने की संभावना है, जैसे ही घोषणा होगी टिकट आवंटन की प्रक्रिया भी तेज हो जायेगी।

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