विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा संयुक्त राष्ट्र द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण को महामारी घोषित किया गया है। जिसके मध्यनजर भारत सरकार द्वार सम्पूर्ण देश एवं राज्यों में लाॅकडाउन घोषित किया गया है। कोरोना वायरस के संक्रमण के बचाव एवं रोकथाम के लिए भारत सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर मेडिकल एडवाईजरी एवं यथोचित दिशा निर्देश जारी किये गये हैं।
जिले में चिकित्सा एवं सवास्थ्य विभाग द्वारा करवाये जा रहे सर्वे के बावजूद भी कतिपय व्यक्तियों जो विदेश, भारत के अन्य राज्यों, भारत के केन्द्रशासित प्रदेशों, भारत में कोरोना हाॅटस्पाॅट स्थानों, राजस्थान के अन्य जिलों से यात्रा कर लौटे है के द्वारा अपनी जानकारी छिपाई जा रही है। जिससे जिले में नागरिकों के कोरोना वायरस के संक्रमण की संभावना बढ़ सकती है।
जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट नन्नूमल पहाड़िया ने बताया कि सवाई माधोपुर जिले में आमजन के जीवन को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम के लिए आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत यह आदेश जारी किये है।
ऐसे व्यक्ति जो विदेश, भारत के अन्य राज्यों, भारत के केन्द्रशासित प्रदेशों, भारत में कोरोना हाॅटस्पाॅट स्थानों, राजस्थान के अन्य जिलों से आये है, वह आदेश जारी होने से 24 घण्टे के अन्दर अपनी सम्पूर्ण जानकारी स्थानीय ग्राम पटवारी, ग्राम सेवक, उपखण्ड अधिकारी, पुलिस या राजकीय चिकित्सा संस्थान को उपलब्ध करा देवे। ताकि समय पर उनका चिकित्सक परीक्षण, आईसोलेशन, क्वारनटाईन करवाया जा सके। किसी भी व्यक्ति, विशेष को खांसी, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ आदि के लक्षण पाये जाते हैं, तो वे तुरन्त नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर जाकर चिकित्सक परामर्श, ईलाज करवायें। आमजन की सुविधा के लिए दूरभाष पर भी संबंधित की या स्वयं की जानकारी, सूचना जिला प्रशासन अथवा पुलिस को दी जा सकती है।
जिला नियंत्रण कक्ष कलेक्ट्रेट 07462-220201, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी 07462-235011 एवं पुलिस नियंत्रण कक्ष 07462- 222999 पर बात कर सूचना दी जा सकती है।
जिला मजिस्ट्रेट नन्नूमल पहाडिया ने बताया कि यह जानकारी में आता है कि ऐसे व्यक्ति द्वारा जानबूझकर उक्त जानकारी एवं तथ्यों को छुपाया गया है तो ऐसे व्यक्ति के विरूद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा ई व जे राजस्थान ऐपिडेमिक डिजिजेज एक्ट 1957 व भारतीय दण्ड संहिता की सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत अभियोजन, मुकदमा दर्ज करने की कार्यवाही की जायेगी। साथ ही उक्त व्यक्तियों को शरण देने वाले तथा इनकी जानकारी प्रशासन से छुपाने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध भी उक्त अधिनियम, धाराओं के अन्तर्गत अभियोजन, मुकदमा दर्ज कराने की कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।