जौलंदा पंचायत के महेश्वरा गांव में सीसी रोड़ के कार्य में अनियमितता को देखते हुए ग्रामीणों ने नाराजगी जताते हुए कार्य को रूकवाकर सीसी रोड़ के कार्य को सार्वजनिक निर्माण विभाग से करवाने की मांग की है। महेश्वरा गांव के रतन लाल मीणा, आशाराम बैरवा, कल्याण प्रजापत, हीरालाल प्रजापत, पप्पू मीणा, लक्ष्मीनारायण गुर्जर, भंवर लाल प्रजापत, रामकल्याण प्रजापत, जगदीश, राहुल मीणा ने बताया कि घास भैरू के स्थान से पप्पू गुर्जर के मकान तक सीसी रोड़ का कार्य करवाया जा रहा है।
जिसमें ग्राम पंचायत द्वारा मोरम की जगह पर रोड़ की सफाई करवाए बिना ही उस पर लाल मिट्टी डाल दी गई है। जिससे घरों का गंदा पानी रास्ते में जाने पर कीचड़ व फिसलन हो रही है जिससे आने जाने वाले राहगीरों को परेशानी हो रही है। ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत प्रशासन द्वारा पूर्व में रोड़ को चौड़ा करने के लिए दोनों ओर से अतिक्रमण हटाकर लगभग 15 से अधिक लोगों के शौचालय तोड़कर हटा दिए। लेकिन उसके बाद भी कई जगह नालियों का निर्माण नहीं हुआ आर जहां हुआ भी वहां गुणवत्तापूर्वक नहीं हुआ।
जिससे ग्रामीणों को अतिक्रमण हटाने का कोई लाभ व सुविधा नहीं मिली है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में बैरवा मोहल्ले से लेकर प्रजापत मोहल्ले तक नालियों का निर्माण नहीं होने से घरों का गंदा पानी हमेशा आम रास्ते में भरा रहता है जिससे पूरे गांव में कीचड़ का आलम है।आम रास्ते में कीचड़ होने से ग्रामीणों सहित आने जाने वाले राहगीरों को बहुत दिक्कत हो रही है। वहीं दिनभर बजरी से भरी हुई ओवरलोड ट्रैक्टर-ट्रॉलियों निकलने से महिलाओं को हैण्डपम्पों से पानी भर ले जाते समय में निकलना दुश्वार हो रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि कई बार ग्राम पंचायत प्रशासन सहित संबंधित विभाग को कई बार अवगत करा दिया लेकिन अभी तक समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ है जिससे ग्रामीणों को कीचड़ से निकलने को मजबूर हो रहे है। ग्रामीणों ने सार्वजनिक निर्माण विभाग से गांव में हो रहे कीचड़ से निजात दिलाने की मांग की है। वहीं जौलंदा सरपंच विजेन्द्र सिंह गुर्जर का कहना है कि जहां पर नालियों का निर्माण नहीं हुआ है वहां नालियों का निर्माण करवाने के लिए आम रास्ते में हो रही कीचड़ में मोरम डलवाया गया है ताकि नालियों का निर्माण करवाने के लिए मेटेरियल डालने पर खराब नहीं हो। यदि ग्रामीण सार्वजनिक निर्माण विभाग से कार्य करवाना चाहते है तो हमे कोई आपत्ति नहीं है।