राजस्थान समग्र जैन युवा परिषद् के पदाधिकारियों ने आरएमएफडीसीसी द्वारा अल्पसंख्यक स्वरोजगार एवं शिक्षा ऋण योजना की प्रक्रिया के नियमों में सरलीकरण करवाने के लिए मुख्यमंत्री तथा मुख्य सचिव के नाम 12 सूत्रीय सुझाव पत्र नायब तहसीलदार ओमप्रकाश जोनवाल को परिषद अध्यक्ष जिनेन्द्र जैन के नेतृत्व मे सौंपा। इस अवसर पर शिक्षाविद रामदयाल ने बताया कि एनएमडीएफसी की राज्यस्तरीय चैनेलाईजिंग एजेंसी आरएमएफडीसीसी द्वारा अल्पसंख्यक वर्ग के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने, स्वरोजगार स्थापित करने एवं जरूरत की घड़ी में रियायती ऋण, मार्गदर्शन, प्रोत्साहन और जरूरी मदद कर उनके भविष्य को तराशने और तरक्की के रास्ते पर ले जाने वाला हमसफर बना हुआ है। आरएमएफडीसीसी द्वारा किए जा रहे कार्यों से अल्पसंख्यकों के बीच पिछड़े वर्गों के जीवन में दुरगामी बदलाव आए है और वे आर्थिक रूप से सशक्त बनने के साथ-साथ अपनी सफलता की कहानियां गढ़ रहे हैं। ये व्यक्तिगत सफलताएं सम्पूर्ण अल्पसंख्यक वर्ग की ताकत है क्योंकि वे वर्तमान में राष्ट्र के निर्माण का हिस्सा बन रहे हैं।
परिषद अध्यक्ष जिनेन्द्र जैन ने बताया कि विगत 2-3 वर्षों से अल्पसंख्यकों के विकास के लिए युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के दावे हवा-हवाई साबित होते जा रहे है, चाहे स्वरोजगार के लिए व्यावसायिक ऋण की बात हो या शिक्षा ऋण की बात हो दोनों ही योजनाएं प्रदेश में खोखली साबित होती जा रही है और प्रदेश में अल्पसंख्यकों की बड़ी संख्या में आबादी होने के बावजूद भी आरएमएफडीसीसी द्वारा प्रत्येक जिले को आवन्टित बजट भी पूरा नही हो पा रहा है, जिसका प्रमुख कारण है नियमों की पेचीदगी। इस कारण लाभार्थी उन शर्तो को पूरा नही कर पा रहे है एवं राजस्थान का अल्पसंख्यक ठगा-सा महसूस कर रहा है। इतना ही नहीं बहुत से लाभार्थियों को 2 वर्ष बीत जाने के बाद भी विभाग द्वारा प्रथम किस्त की राशि भी आवंटित नहीं हो पाई है, यह स्थिति किसी एक जिले की ही नहीं अपितु सम्पूर्ण राजस्थान के अधिकांश जिलों की कहानी है।
व्यावसायिक और शिक्षा ऋण की प्रक्रिया की पेचीदगी युक्त व्यवस्था एवं नियमों की जटिलता के कारण अल्पसंख्यक वर्ग के युवाओं को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक समस्याओं से जूझ रहा है इसलिए व्यावसायिक और शिक्षा ऋणों के वितरण की प्रक्रिया के नियमों में सरलीकरण करने से ही अल्पसंख्यक वर्ग के युवाओं का सर्वांगीण विकास किया जा सकता है। इस अवसर पर हुसैन खांन ने बताया कि अल्पसंख्यक वर्ग के सभी समुदायों के सुझावों के आधार पर व्यवसायिक एवं शिक्षा ऋण की प्रक्रिया में सरलीकरण के लिए परिषद ने एक 12 सूत्रीय सुझाव पत्र तैयार कर राजस्थान सरकार को भेजा है। इस अवसर पर अशोक बांठिया, सद्दाम खांन, फकरूद्दीन खांन, जय कुमार जैन आदि उपस्थित थे।