सवाई माधोपुर:- संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा ने रविवार को आलनपुर में पौधशाला का निरीक्षण कर मानसून के दौरान वितरण हेतु तैयार किए जाने वाले पौधों का अवलोकन किया। सम्भागीय आयुक्त ने रेंजर दीपक शर्मा से विभिन्न प्रजातियों के पौधों के संबंध में जानकारी प्राप्त की। इस पर रेंजर ने सम्भागीय आयुक्त को अवगत कराया कि इस वर्ष सवाई माधोपुर में 1 जुलाई से मानसून के दौरान करीब साढ़े 9 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है।
भरतपुर वृत में आलनपुर नर्सरी श्रेष्ठ है। इसमें 56 प्रजातियों के हजारों की संख्या में पौध तैयार की गई है। इनकी गर्मी से सुरक्षा के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है ताकि पौध गर्मी के कारण नष्ट न हो। आलनपुर नर्सरी 3 हैक्टेयर क्षेत्र में फैली है इसमें कुल 3 लाख 90 हजार 82 पौधे नर्सरी के माध्यम से 1 जुलाई से सशुल्क वितरित किए जाएंगे।
इसके लिए विभागवार लक्ष्य निर्धारित किए गए है। जिला परिषद मुख्य कार्यकारी अधिकारी हरिराम मीणा द्वारा बताया गया कि इस वर्ष सवाई माधोपुर में मनरेगा के माध्यम से सभी ग्राम पंचायत में 1 लाख 48 हजार पौधे लगाएं जाएंगे। उन्होंने बताया की टोफर योजना के अंतर्गत तैयार किए गए 20 हजार पौधे मनरेगा द्वारा पौधारोपण हेतु एक रूपये प्रति पौधा की राशि पर प्राप्त किए जा सकेंगे।
संभाग आयुक्त ने पौधशाला में मनरेगा महिला श्रमिकों से बातचीत कर छाया, पानी की व्यवस्था एवं मेडिकल सुविधाओं की जांच कर फीडबैक लिया। जिस पर श्रमिकों द्वारा संतुष्टि व्यक्त करते हुए बताया कि उनका मनरेगा समय प्रातः 5ः30 से दोपहर 12ः30 बजे तक है एवं उनके लिए छाया-पानी की उचित व्यवस्था है।
पेयजल आपूर्ति व्यवस्थाओं का लिया जायजा:-
सम्भागीय आयुक्त ने शहर सवाई माधोपुर में छिपा मोहल्ला, न्यू मार्केट तथा साकेत नगर आलनपुर में पेयजल आपूर्ति संबंधी शिकायत मिलने पर तुरंत संज्ञान लेते हुए मौके पर पहुंचकर आमजन से पेयजल आपूर्ति संबंधी समस्याओं की जानकारी ली। इस दौरान स्थानीय निवासियों ने सम्भागीय आयुक्त को अवगत कराया कि उन्हें गर्मी के मौसम में पेयजल की आपूर्ति नियमित रूप से नहीं हो रही है।
स्थानीय निवासियों ने सब्जी मंडी चौराहा से आने वाली पाईपलाइन द्वारा न्यू मार्केट में पेयजल आपूर्ति करने एवं ट्यूबबैल लगवाने की भी मांग की। इस पर संभागीय आयुक्त द्वारा जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिशाषी अभियंता को तत्काल पेयजल संबंधी समस्या का समाधान करने हेतु वैकल्पिक पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।