शहीद कैप्टन रिपुदमन सिंह राजकीय महाविद्यालय सवाई माधोपुर एवं आईआईटी दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में गत बुधवार को उच्च शिक्षा में अध्ययनरत स्नातकोत्तर एवं स्नातक स्तर के विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं एवं प्रतिभागियों को वर्चुअल लैब्स के विभिन्न आयामों से परिचित कराने हेतु “वर्चुअल लैब्स” विषय पर प्रातः 11.30 बजे से ऑफलाइन एवं ऑनलाइन मोड़ पर अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ मुख्य संरक्षक एवं महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. गोपाल सिंह, संरक्षक प्रो. दिनेश चंद शर्मा, कोऑर्डिनेटर डॉ. रोमिला कर्णावट एवं डॉ. प्रेम सोनवाल एवं वरिष्ठ संकाय सदस्य प्रो. पीएम मीना, प्रो. पांचाली शर्मा, रामलाल बैरवा द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर हुआ।
प्राचार्य प्रो. गोपाल सिंह ने अपने स्वागत भाषण में बताया की वर्चुअल लैब प्रोजेक्ट विज्ञान और इंजीनियरिंग के विभिन्न विषयों में सिमुलेशन आधारित लैब्स तक रिमोट एक्सेस प्रदान करने का सबसे अच्छा तरीका है। प्राचार्य ने बताया कि वर्तमान समय में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में वर्चुअल लैब्स दूर-दराज के विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों के लिए वरदान साबित हो रही है, जो अच्छी लैब सुविधाओं के साथ-साथ प्रशिक्षित शिक्षकों की कमी को दूर करता है। कार्यशाला के संरक्षक प्रो दिनेश चंद शर्मा ने बताया कि वर्चुअल लैब्स छात्र-केंद्रित दृष्टिकोण है जो सिमुलेशन आधारित प्रयोग के माध्यम से प्रयोगशाला की की कमी को दूर करता है। इससे समय व खर्च बचाया जा सकता है।
इसमें इसके पश्चात कार्यशाला के कोऑर्डिनेटर डॉ. रोमिला कर्णावट एवं डॉ. प्रेम सोनवाल ने कार्यशाला का महत्व बताते हुए बताया कि वर्चुअल लैब्स द्वारा कृत्रिम बुद्धिमता का उपयोग करके बच्चे आभासी वातावरण में अंतरिक्ष, पर्यावरण, गुरुत्वाकर्षण सहित भौतिकी, रसायन, जीवविज्ञान एवं गणित से जुड़े जटिल विषयों को समझ सकेंगे तथा वे रटने के स्थान पर सोच-समझकर लिखेंगे। कार्यशाला का सफल संचालन कोऑर्डिनेटर डॉ. रोमिला कर्णावट ने किया किया। कार्यशाला में मुख्य वक्ता आईआईटी दिल्ली से सीनियर फील्ड इंजीनियर प्रतीक शर्मा एवं उनकी टीम के सदस्य जस्सी एवं चंदन जी ने पीपीटी एवं विडियो के जरिए वर्चुअल लैब्स का उपयोग करना सिखाया। मुख्य वक्ता ने बताया कि विद्यार्थी, शोधार्थी एवं संकाय सदस्य वर्चुअल लैब की और अधिक जानकारी वेबसाइट http://www. vlab co.in पर जाकर प्राप्त कर सकते हैं।
कार्यशाला के इंटररेक्शन सत्र में मनीषा कुमारी शर्मा, हनीफा खान एवं चावल मैडम की जिज्ञासा पर मुख्य वक्ता ने अपने विचार प्रकट किये।कार्यशाला को सफल बनाने में आयोजन समिति के सदस्यों का योगदान रहा। कार्यशाला में अमेरिका, कनाडा, स्कॉटलैंड, आयरलैंड, मलेशिया के प्रतिभागियों के साथ-साथ भारत के विभिन्न राज्यों तमिलनाडु, महाराष्ट्र, झारखंड, असम, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश एवं आंध्र प्रदेश से लगभग 900 प्रतिभागियों ने गूगल मीट लिंक द्वारा एवं महाविद्यालय परिसर में भाग लिया। कार्यशाला के अंत मे कार्यशाला के प्रभारी डॉ. प्रेम सोनवाल कार्यशाला में जुड़े रहे सहभागियों का कार्यशाला को सफल बनाने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।