डेंगू की वजह से लाखों लोगों की जान जाती है। हमारे देश में भी हर साल बड़ी संख्या में लोग इस बीमारी की चपेट में आते हैं, यही वजह है कि डेंगू की बीमारी के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए हर साल 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है। जिससे कि डेंगू से होने वाली मौतों से बचा जा सकें। डेंगू की बीमारी एडीज मच्छर के काटने से होती है और इसमें मरीज के शरीर में प्लेटलेट्स तेजी से कम होने लगते हैं. अगर प्लेटलेट्स बेहद कम हो जाए तो इससे मरीज की मौत भी हो जाती है। जिला आईईसी समन्वयक ने बताया कि चिकित्साकर्मियों द्वारा अपने-अपने क्षेत्र में एंटी लार्वा गतिविधियों का आयोजन किया गया। विभिन्न स्थानों पर भरे पानी मे एमएलओ डाला गया, घरों की टंकियों में टेमोफोस डाले गए, घरों में कूलरों को खाली कर लार्वा नष्ट किया गया। साथ ही विभिन्न स्थानों पर भरे पानी में लार्वा की पहचान कर उन्हें भी नष्ट किया गया।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. तेजराम मीना ने बताया कि डेंगू से बचाव के लिए जितना हो सके सावधानी रखें। इसके लिए हमेशा ध्यान रखें की पानी में गंदगी न होने पाए। लंबे समय तक किसी बर्तन में पानी भरकर न रखें। इससे मच्छर पनपने का खतरा रहता है। पानी को हमेशा ढंककर रखें और हर दिन बदलते रहें, अन्यथा इसमें मच्छर आसानी से अपनी पनप सकते हैं। कूलर का पानी हर सात दिन में बदलें। खिड़की और दरवाजे पर मच्छर से बचने के लिए जाली लगाएं, जिससे मच्छर अंदर न आ सकें। पूरी बांह के कपड़े पहनें या फिर शरीर को जितना हो सके ढंक कर रखें। अगर आप डेंगू बुखार की चपेट में आ गए हैं, तो जितना हो सके आराम करने पर ध्यान दें और शरीर में पानी की कमी न होने दें। समय समय पर पानी लगातार पीते रहें। मच्छरों से बचाव करना बेहद आवश्यक है। इसके लिए सोते समय मच्छरदानी लगाकर सोएं और दिन में भी पूरी बांह के कपड़े पहनें, ताकि मच्छर न काट सके। घर में पानी का किसी प्रकार जमाव न होने दें। ऐसा होने पर मच्छर तेजी से फैलेंगे। इसके अलावा डेंगू के लक्षण सामने आने पर डॉक्टर से उचित परामर्श जरूर लें। दवाइयों का सेवन भी चिकित्सकीय परामर्श के अनुसार ही करें।