सीरिया में हो रहे बच्चों के नरसंहार के विरोध में सीरिया के राजदूत को तलब करने एवं अंतर्राष्ट्रीय मंच पर इसका विरोध दर्ज करवाने की मांग करते हुए विभिन्न संगठनों ने मलारना डूंगर में उप जिला कलेक्टर को राष्टपति के नाम ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन के जरिए उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिनों से मध्य पूर्व के देश सीरिया में सत्ता हथियाने एवं वर्चस्व की लड़ाई में सीरिया के पूर्व राष्ट्रपति बशर असद के समर्थकों, कुर्द विद्रोहियों, रूस, ईरान, अमेरिका और इजरायल की सेनाओं के मध्य संघर्ष की वजह से सीरिया के आम लोगों की जिंदगी नर्क बन गई है। इस पर सबसे अफसोसनाक बात यह है कि बशर असद के समर्थन में रूस की सेना ने सीरिया के गौता प्रांत में भयंकर बमबारी की जिसमें सैंकड़ों की संख्या में मासूम बच्चे मारे गए। रूसी सेना द्वारा युद्ध के उसूलों को ताक में रखते हुए अस्पतालों को निशाना बना कर हमले किए गए जिसमें बड़ी संख्या में निर्दोष नागरिक तथा मासूम बच्चों की मौत हो गई। इन सबके बावजूद संयुक्त राष्ट्र संघ और दुनिया के शांतिप्रिय देशों की चुप्पी शर्मनाक है।
इस मौके पर उन्होंने विभिन्न मांग करते हुए बताया कि भारत में सीरिया के राजदूत को तुरंत तलब कर यह मांग की जाए कि सीरिया में निर्दोष नागरिकों और बच्चों का नरसंहार बंद किया जाए। अगर ऐसा न हो सके तो भारत में सीरिया की एम्बेसी को बंद कर दिया जाए। भारत सरकार संयुक्त राष्ट्र संघ में सीरिया के निर्दोष बच्चों के नरसंहार का मुद्दा उठाए। विदेश मंत्रालय द्वारा घौता नरसंहार के विरोध में बयान जारी किया जाए। संसद में सीरिया क्राइसिस पर चर्चा करवाई जाए। इस मौके पर यूथ कांग्रेस के प्रदेश सचिव अकरम बुनियाद, जमाते इस्लामी हिंद के मेम्बर मुहम्मद सलीम बैग, एसडीपीआई के महासचिव जफर अमीन, हज वेलफेयर सोसाइटी के प्रदेश सचिव अशरफ खान, शादाब खान दानिश तय्यब, सालार खान, सलमान खान, आकिब खान सहित कई लोग मौजूद रहे।