पति की मृत्यु 10 साल पहले हो गई लेकिन न तो विधवा पेंशन शुरू हुई, न ही पुत्र की देखभाल के लिये पालनहार का लाभ मिला क्योंकि इन सबके लिये पहले पति का मृत्यु प्रमाण-पत्र मिलना जरूरी था। इस प्रमाण-पत्र के लिये कई कार्यालयों के चक्कर काटे लेकिन बन नहीं पाया। बामनवास के भांवरा में आयोजित प्रशासन गांवों और शहरों के संग अभियान कैम्प में सीता देवी ने मृत पति संतोष कोली का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिये आवेदन दिया तो बीडीओ ने तत्काल जारी करने के निर्देश दिये। कैम्प में सीता को यह प्रमाण-पत्र सौंपा गया, साथ ही उसका तथा उसके पुत्र का जन आधार कार्ड जारी कर पालनहार का लाभ शुरू करवाया।
सीता ने बताया कि पति को खोने के बाद स्वयं और पुत्र पर दुखों का पहाड टूट पड़ा, बहुत आर्थिक संकट से गुजरे। उस समय ही पेंशन चालू हो जाती तो कुछ सहारा मिलता फिर भी देर आये, दुरूस्त आये। सरकार की नजर हम दुखियारों पर पड़ी है, अभी पेंशन और पालनहार के पैसे मिलेंगे, हो सकता है आगे और भी कुछ मिल जाये। मैं सरकार को बहुत धन्यवाद देती हूं कि सारे विभागों के अधिकारियों को गांवों में भेजकर हमारे जैसे लोगों के अटके काम 1 ही दिन में शुरू करवा रही है, परेशानी दूर कर रही है।
अब चैन की नींद सोयेगा नरेन्द्र का परिवार
नरेन्द्र लाल बैरवा पिछले 10 साल से मकान का पट्टा बनवाने का प्रयास कर रहा था। कभी सरपंच तो कभी ग्राम विकास अधिकारी टांग अड़ा देते थे, नियम और प्रक्रिया का बहाना बना कर उसका काम टालते रहे। प्रशासन गांवों के संग अभियान की वजह से अब उसे पट्टा मिल गया है। नरेन्द्र लाल पुत्र रामजीलाल बैरवा निवासी मकसूदनपुरा ने बताया कि शिविर में जाकर उसने एसडीएम को अपनी समस्या बताई तो उसकी फाइल 1 घंटे में ही पास हो गई और स्वयं एसडीएम साहब ने मुझे पट्टा सौंप दिया।
मेरी बहुत बड़ी चिंता दूर हो गई क्योंकि गांवों में जमीन के स्वामित्व, कब्जे की बहुत पेचिदगियां हैं। अब मेरे पास मकान के स्वामित्व का दस्तावेज आ गया है। इससे मकान की वैल्यू भी बढ़ती है। मेरे परिवार को आज असली छत मिली है, इसके लिये मेरा परिवार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार प्रकट करता है जिन्होंने हमारे जैसे लोगों की समस्याओं के समाधान के लिये यह अभियान चलाया है।
भूमिहीनों को भूमि मिलने का रास्ता साफ, अब मकान और शौचालय बनाने के लिये मिलेगी सहायता
भूमिहीन का सपना होता है कि उसके परिवार को गर्मी, सर्दी और बरसात से बचाने के लिये अपनी छत मिल जाये। छत तो उपलब्ध हो लेकिन हर क्षण इसके छिन जाने का डर हो तो यह भी बुरे सपने से कम नहीं होता। मेडी ग्राम पंचायत की चारागाह भूमि में रह रहे दर्जनों परिवारों की यह चिंता मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दूर कर दी है। प्रशासन गांवों और शहरों के संग अभियान में आयोजित शिविर में इन परिवारों ने अपनी समस्या गंगापुर सिटी एसडीएम और बीडीओ को बताई तो चारागाह भूमि को सिवायचक तथा सिवायचक को फिर आबादी भूमि में कन्वर्ट करवाने का निर्णय लिया गया।
अब इन परिवारों को निःशुल्क भूमि आवंटन के साथ ही पट्टे दिये जायेंगे, साथ ही कच्चे मकान वाले प्रकरणों में पीएम आवास योजना में पक्का मकान और स्वच्छ भारत में शौचालय बनवाये जायेंगे। इस फैसले से लाभान्वित राजेशी मीना, भारती मीना, अमरीका मीना व अन्य ने मुख्यमंत्री जी, प्रशासनिक और पंचायती राज विभाग के अधिकारियों और ग्राम पंचायत का आभार प्रकट किया है। इसी शिविर में सूरजबाई, इमरती, सपना, मुनेशी, राजेशी, भारती और अमरीका के मनरेगा जॉब कार्ड बनाये गये।
भारती और महेश को मिला सरकार का सहारा
प्रशासन गांवों और शहरों के संग अभियान के अन्तर्गत गंगापुर सिटी के मेडी में आयोजित शिविर ने भारती और महेश को बड़ा सहारा दिया है। भारती मीना और मुकेश जाटव दिव्यांग हैं तथा कई महीनों से विशेष योग्यजन पेंशन स्वीकृति के लिये ग्राम पंचायत कार्यालय से लेकर जिला मुख्यालय स्थित कार्यालयों तक के चक्कर काट रहे थे लेकिन पीपीओ जारी नहीं हो रहे थे।
शिविर में इन्होंने एसडीएम को आवेदन दिया तो 20 मिनट के भीतर पेंशन स्वीकृति आदेश जारी हो गये। अब इन्हें रोडवेज पास भी दिये जायेंगे तथा सहायक उपकरण भी मिलेंगे।