अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर करने की मांग को लेकर आज उप जिला कलेक्टर महेंद्र लोढ़ा को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन के जरिए अनुसूचित जाति जनजाति के लोगों ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत तुरन्त गिरफ्तारी पर रोक लगाए जाने पर सरकार को इस मामले पर पुनर्विचार याचिका दायर करनी चाहिए। इस कानून की विशेषता थी कि प्राथमिकी दर्ज होने के तुरन्त बाद अभियुक्त की गिरफ्तारी होती है। लेकिन उच्चतम न्यायालय ने तुरन्त गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। जिससे एस.सी/एसटी समुदाय में रोष व्याप्त है। उच्चतम न्यायालय के इस आदेश के बाद देशभर में दलितों पर बहुत ज्यादा अत्याचार बढ़ने की संभावना है। क्योंकि गरीब दलितों की उपर तक पहुंच नहीं होती। जिसके कारण असामाजिक तत्व और दबंग उन पर अत्याचार करते हैं। साथ ही उन्होंने मांग करते हुए कहा कि सरकार को इस मामले पर पुनर्विचार याचिका करनी चाहिए। जिससे देशभर में दलितों पर अत्याचार नहीं हो।